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lunar eclipse
स्टाफ रिपोर्टर, एएनएम न्यूज़: साल 2025 का दूसरा और भारत में साल का पहला चंद्र ग्रहण 7-8 सितंबर की रात को लगने जा रहा है, जो भाद्रपद मास की पूर्णिमा तिथि को घटित होगा। यह एक पूर्ण चंद्र ग्रहण होगा और सबसे खास बात यह है कि इसे भारत के अधिकांश हिस्सों में साफ़ तौर पर देखा जा सकेगा। यह ग्रहण न केवल खगोलीय दृष्टि से विशेष है, बल्कि धार्मिक और ज्योतिषीय दृष्टिकोण से भी बेहद महत्वपूर्ण माना जा रहा है।
जानकारी के मुताबिक, यह ग्रहण कुंभ राशि और पूर्वाभाद्रपद नक्षत्र में लगेगा, जो इसे और भी अधिक असरदार बनाता है। इस लेख में हम जानेंगे कि यह चंद्र ग्रहण कब से कब तक रहेगा, सूतक काल की समय-सीमा क्या होगी। /anm-hindi/media/post_attachments/FileServer/news/cover/Feb2025/CoverImage1495453eb3574ac6b29d77a6fe648d521678-143948.jpg?width=746&quality=40)
पूर्ण चंद्र ग्रहण का समय:
भारतीय समयानुसार ग्रहण का प्रारंभ रात 9:57 बजे होगा। ग्रहण का मध्य काल रात 11:41 बजे और मोक्ष काल रात 1:27 बजे होगा। ग्रहण का स्पर्श, मध्य व मोक्ष संपूर्ण भारत में दृश्यमान रहेगा। यह ग्रहण भारत के अतिरिक्त पश्चिमी प्रशांत महासागर, हिंद महासागर, पूर्वी अटलांटिक महासागर, अंटार्कटिका, एशिया, ऑस्ट्रेलिया, यूरोप आदि में दिखाई देगा।
सूतक काल का समय:
ग्रहण शुरू होने से लगभग 9 घंटे पहले सूतक काल की शुरुआत हो जाती है। इस बार सूतक काल 7 सितंबर को दोपहर 12 बजकर 26 मिनट से प्रारंभ होगा और पूरे ग्रहण काल तक प्रभावी रहेगा। इस दौरान शास्त्रों के अनुसार देव-प्रतिमाओं का स्पर्श, पूजा-पाठ और हवन जैसे कार्य वर्जित माने गए हैं। हालांकि, जप और ध्यान करना इस समय कई गुना फलदायी होता है।
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