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Tarun Jyoti Tiwari has now made a big tweet against TMC
एएनएम न्यूज़, ब्यूरो : बंगाल भाजपा के वरिष्ठ नेता तरुण ज्योति तिवारी ने अब तृणमूल कांग्रेस के खिलाफ बड़ा ट्वीट किया है। उन्होंने ट्वीट किया, "डायमंड हार्बर मॉडल - लोकतंत्र के मुंह पर तमाचा" आज हमारे प्रिय अध्यक्ष माननीय डॉ. सुकांत मजूमदार हमारे पीड़ित कार्यकर्ताओं के साथ खड़े होने के लिए बीजेबी गए। कुछ दिन पहले, एक सर्वदलीय बैठक के दौरान, हमारे कई भाजपा कार्यकर्ताओं पर बीडीओ कार्यालय के सामने तृणमूल के गुंडों द्वारा हमला किया गया था।
📍 ডায়মন্ড হারবার মডেল – গণতন্ত্রের মুখে চপেটাঘাত
— Tarunjyoti Tewari (@tjt4002) June 19, 2025
আজ বজবজে আমাদের প্রিয় সভাপতি মাননীয় ডঃ সুকান্ত মজুমদার মহাশয় গিয়েছিলেন আমাদের আক্রান্ত কার্যকর্তাদের পাশে দাঁড়াতে। কয়েকদিন আগে সর্বদলীয় বৈঠকের সময় BDO অফিসের সামনে আমাদের একাধিক বিজেপি কর্মী তৃণমূলের গুণ্ডাদের হাতে…
कार्यकर्ताओं का हौसला बढ़ाने और उनके साथ खड़े होने की कोशिश करते हुए, मुझे तृणमूल की 'लोकतांत्रिक संस्कृति' देखने को मिली - जहाँ रंगे हुए बाल और बालियाँ पहने लोगों का एक समूह सड़क पर खड़ा होकर हमारे नेतृत्व और कार्यकर्ताओं को गंदी भाषा में गालियाँ देने लगा। उनका दावा था कि उन्हें 100 दिनों के काम के पैसे नहीं मिले हैं! खड़े लोगों को देखकर ही साफ पता चल जाता है कि वे तृणमूल के चोर हैं। उन्हें पैसे कमाने और चोरी के पैसे पर जीने की आदत नहीं है।
यह बात सभी जानते हैं - तृणमूल नेतृत्व ने वह पैसा चुराया है, और यहाँ तक कि भारतीय अदालतों ने भी उस चोरी को स्वीकार किया है। लेकिन वे तृणमूल कार्यालय में पैसे वापस मांगने नहीं गए, बल्कि भाजपा कार्यकर्ता के घर पर हमला कर दिया और यह स्पष्ट कर दिया कि यह सब किसके आदेश पर हो रहा है - ममता बनर्जी और अभिषेक बनर्जी के इशारे पर, पुलिस की छत्रछाया में।
सुकांता दा के जाने के बाद जब हम लोगो निकल रहे थे तो पुलिस के सामने ही हमारी गाड़ी पर हमला किया गया। हमारे साथी राम दा की गाड़ी में तोड़फोड़ की गई, कांच के टुकड़े हमें लगे। यह आज का पश्चिम बंगाल है। यहां पुलिस दर्शक बनी हुई है, गुंडे शासक हैं।
तृणमूल बार-बार इस बात का प्रचार करती है कि राज्य की मुख्यमंत्री एक महिला हैं। लेकिन आज जिस तरह से उनके कार्यकर्ताओं ने हमारी महिला कार्यकर्ताओं के साथ अभद्र भाषा का प्रयोग किया है, उससे हमें इंसानियत के तौर पर शर्म आती है। जिस भाषा में हमें और हमारे अध्यक्ष के माता-पिता को गाली दी गई है, उससे तृणमूल की संस्कृति का पता चलता है।
यह 'डायमंड हार्बर मॉडल' है - अर्थात लूट, अत्याचार, गुंडागर्दी और पुलिस सहयोग से भाजपा कार्यकर्ताओं का दमन। अगर आपको 100 दिन के काम का पैसा नहीं मिलता है तो, क्या हमारे कार्यकर्ताओं के घर के सामने प्रदर्शन होगा? हमारे नेतृत्व के सामने क्यों? पैसे चुराने वाले तृणमूल के शीर्ष नेतृत्व हैं। जाओ और मुख्यमंत्री के घर के सामने खड़े हो जाओ, चोरों के खिलाफ आवाज उठाओ।
लोकतंत्र में जनता ही भगवान होती है। जनता ही सबका फैसला करेगी। जाड़ एक महीने में खत्म नहीं होती। हिसाब-किताब तो होगा ही।" तरुण ज्योति तिवारी के इस ट्वीट पर बवाल शुरू हो गया है।