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स्टाफ रिपोर्टर, एएनएम न्यूज़: भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (UIDAI) की ओर से पेश हुए वरिष्ठ वकील ने गुरुवार को कलकत्ता उच्च न्यायालय (Calcutta High Court) में आधार (नामांकन और अद्यतन) अधिनियम के प्रावधानों का हवाला देते हुए कहा कि आधार संख्या होना नागरिकता या निवास का प्रमाण नहीं है। वरिष्ठ वकील लक्ष्मी गुप्ता ने कहा कि देश में लक्षित सरकारी सब्सिडी के उद्देश्य से 182 दिनों तक रहने वाले निवासियों को आधार कार्ड जारी किया जाता है।