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एएनएम न्यूज़, ब्यूरो: इस बार बांग्लादेश के नारे पर भी आपत्ति है। ऐसा लगता है कि यूनुस सरकार बंगाल की किसी भी चीज़ से जुड़ना नहीं चाहती। इसलिए पूरे देश में बंगाली विरोधी और यहां तक ​​कि हिंदू विरोधी गतिविधियां चल रही हैं। इस बार यूनुस सरकार 'जय बांग्ला' के नारे को हमेशा के लिए मिटा देना चाहती है।
वैसे तो कई दिनों से इस तरह की अफवाहें चल रही थीं, लेकिन अब इसका सबूत भी मिल गया है। सरकार ने हाई कोर्ट के उस फैसले पर रोक लगाने की मांग की है, जिसमें 'जय बांग्ला' को राष्ट्रीय नारा घोषित किया गया है। इसका मतलब है कि अब से 'जय बांग्ला' नारे को राष्ट्रीय नारे के तौर पर मान्यता नहीं दी जा सकेगी। युनुस सरकार की यही मांग है।
‘জয় বাংলা’কে জাতীয় স্লোগান ঘোষণা করে হাইকোর্টের দেওয়া রায় স্থগিত চেয়ে আবেদন করেছে রাষ্ট্রপক্ষ।
— Awami League (@albd1971) December 4, 2024
বিজয়ের মাসে জয় বাংলা স্লোগানকে বাতিল করতে চায় - তারা কোন রাষ্ট্রের পক্ষ?#December1971#LiberationWar1971#Bangladesh#MonthOfVictorypic.twitter.com/TLu7AApAwT
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