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स्टाफ रिपोर्टर, एएनएम न्यूज़ : वामपंथी रुझान वाले श्रमिक संगठन सीटू का दावा है कि जिले में कम से कम साढ़े चार लाख श्रमिक संगठित उद्योगों से जुड़े हैं। लेकिन सरकार के मुताबिक पश्चिम बर्दवान में तीन लाख श्रमिक 'सामाजिक सुरक्षा योजना स्कीम' में नामांकित हैं। जिले के कुछ असंगठित क्षेत्र के मजदूरों का कहना है कि उन्हें नहीं पता कि सरकार की यह योजना है भी। फलस्वरूप संबंधित सुविधाएं नहीं मिल पाती है।
श्रम विभाग के सूत्रों के अनुसार, गैरेज राजमिस्त्री, निर्माण श्रमिक, बढ़ई, वेट्रेस सहित कुल 80 व्यवसायों को असंगठित श्रमिक क्षेत्र के रूप में मान्यता दी गई है। इस बार सरकारी कैंप में प्रोजेक्ट का भविष्य निधि पासबुक अपडेट किया गया है। प्रशासन के मुताबिक तीन लाख पंजीकृत श्रमिकों में से 16 हजार ने इसे अपडेट कर लिया है। दूसरी ओर, सीटू का दावा है कि इन तीन लाख से अधिक ऐसे कई श्रमिक हैं, जिन्हें परियोजना के बारे में जानकारी नहीं है।
हालाँकि, इस योजना के तहत प्राकृतिक मृत्यु की स्थिति में 50,000 रुपये, दुर्घटनावश मृत्यु की स्थिति में 2 लाख रुपये और काम के लिए अक्षमता की स्थिति में 50,000 रुपये से 2 लाख रुपये तक की वित्तीय सहायता मिलती है।
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