आस्था का महापर्व छठ को लेकर बंगाल में मचा बवाल

इस बार यह संगठन हिंदी भाषियों के सबसे बड़े त्यौहार छठ पूजा को लेकर एक ऐसा सवाल खड़ा कर मैदान में उतर चूका है जिससे बंगाल में रह रहे हिंदी भाषि समाज ही नहीं बल्कि पुरे देश में रह रहे हिंदी भाषी इस संगठन के खिलाफ गुस्से से आग बबूला हो चुके हैं। 

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Sneha Singh
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टोनी आलम, एएनएम न्यूज़: पश्चिम बंगाल (West Bengal) में इन दिनों बांग्ला पक्खो” के अध्यक्ष गार्गा चटर्जी (Garga Chatterjee) ने बांग्ला पक्खो” के नाम से एक संगठन तैयार किया है जो संगठन राज्य में सर्वत्र “जय बांग्ला” की लहर पैदा कर रहा है, जगह-जगह प्रदर्शन किए जा रहे हैं। गैर बंगालियों विशेषकर हिंदी भाषियों के विरुद्ध पोस्टरबाजी की जा रही है, जय बांग्ला… जय बांग्ला…”, मतलब, बंगाल की जय हो, बंगाल की जय हो। आस्था के महापर्व छठ (Chhath) के पावन अवसर पर भी यह संगठन हिंदी भाषियों के विरुद्ध एक बार फिर से मैदान में उतर गया है इस बार यह संगठन हिंदी भाषियों के सबसे बड़े त्यौहार छठ पूजा को लेकर एक ऐसा सवाल खड़ा कर मैदान में उतर चूका है जिससे बंगाल में रह रहे हिंदी भाषि समाज ही नहीं बल्कि पुरे देश में रह रहे हिंदी भाषी इस संगठन के खिलाफ गुस्से से आग बबूला हो चुके हैं। 

इसी बिच पश्चिम बंगाल भाजपा (BJP) के राज्य स्तरीय नेता सह आसनसोल नगर निगम के पूर्व मेयर जितेंद्र तिवारी (Jitendra Tiwari) ने भी इस संगठन पर करारा प्रहार करते हुए कहा कि बंगाल में रवीन्द्रनाथ टैगोर, नेताजी सुभाष चंद्र बोस, विधासागर और नजरूल जैसे बड़े-बड़े लोग किसी को भी छठ पर्व से कभी दिक्कत नहीं आई, सभी ने छठ को सम्मान दिया, लेकिन वर्तमान की तृणमूल (TMC) सरकार को छठ करने वालों से बड़ी दिक्कत आ रही है इसलिए वो खुद तो दिखा रहे हैं की हम सभी के साथ हैं लेकिन अपने सहयोगी संगठनो से मिलकर छठ पर्व का विरोध करवा रही है।