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टोनी आलम, एएनएम न्यूज़ : जामुड़िया में नौकरी की मांग पर मेसर्स गजानन आयरन प्राइवेट लिमिटेड कंपनी के सामने स्थानीय ग्रामीणों ने धरना प्रदर्शन शुरू कर दिया। इनका कहना है कि कारखाना प्रबंधन द्वारा उनको आश्वासन दिया गया था कि 7 मार्च तक इलाके के 20 बेरोजगार युवाओं को कारखाने में नौकरी दी जाएगी, लेकिन अभी तक कारखाना प्रबंधन ने अपना वादा पूरा नहीं किया है और देखा जा रहा है कि अन्य राज्यों से आने वाले लोगों को यहां पर नौकरी दी जा रही है। इसी के खिलाफ यहां के ग्रामीणों ने आज से धरना प्रदर्शन शुरू कर दिया। इनका कहना है कि जब तक 20 युवाओं को कारखाना प्रबंधन की तरफ से नौकरी नहीं दी जाती इनका धरना जारी रहेगा। उन्होंने कहा कि यहां के लोगों को कारखाना की वजह से प्रदूषण झेलना पड़ता है, धूल फांकनी पड़ती है, लेकिन यहां के स्थानीय युवाओं को नौकरी नहीं दी जाती। बाहरी लोगों को नौकरी दी जाती है। इसी के खिलाफ इनका यह आंदोलन आज से शुरू हुआ और इनका साफ कहना है कि यह कहीं नहीं हटेंगे यहीं बैठे रहेंगे और जब तक कारखाना प्रबंधन 20 युवाओं को वादे के मुताबिक रोजगार नहीं देता इनका प्रदर्शन बरकरार रहेगा। इस बारे में जब हमने कारखाने के अधिकारी हेमंत सिंह से बात की तो उन्होंने कहा कि बार-बार स्थानीय ग्रामीणों द्वारा इस तरह का प्रदर्शन किया जा रहा है। उन्होंने साफ कहा कि यहां पर जो सत्ता में राजनीतिक दल है उसके श्रमिक संगठन के जरिए अगर यह लोग आते हैं तो लोगों को नौकरी दी जाएगी। इस तरह से आज अगर कुछ लोग आंदोलन पर बैठ गए और उनको नौकरी दे दी गई तो कल अन्य लोग आंदोलन करना शुरू कर देंगे। फिर उनको भी नौकरी देनी होगी। इस तरह से प्रबंधन काम नहीं कर सकता। इसलिए यहां पर जो सत्ता पक्ष है उसके श्रमिक संगठन के जरिए नौकरी देने की बात कही गई है। उन्होंने कहा कि राखी कर्मकार नहीं चाहती कि वह सत्ता पक्ष के श्रमिक संगठन के जरिए आए। इसके पीछे उनका निजी स्वार्थ है और इस तरह से बार-बार अगर गेट जाम करके आंदोलन किया जाएगा तो कारखाने को बहुत नुकसान होगा। उन्होंने कहा कि आज के ही इस आंदोलन की वजह से कारखाने को लाखों रुपए का नुकसान हो रहा है क्योंकि उत्पादन और परिवहन पूरी तरह से बंद है।
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