Raniganj: छह सूत्री मांगों के समर्थन में सौंपा गया ज्ञापन

इस फैसले को बदलते हुए संथाली भाषा को पुनः बहाल किया जाए। इसके साथ ही उन्होंने फर्जी एससी एसटी सर्टिफिकेट पर रोक लगाने, पेड़ों के विनाश को रोकने, आदिवासियों को जमीन का पट्टा देने जैसी मांगे भी BDO के सामने रखी।

Raniganj: छह सूत्री मांगों के समर्थन में सौंपा गया ज्ञापन

टोनी आलम, एएनएम न्यूज : रानीगंज आदिवासी समन्वय समिति की तरफ से रानीगंज के BDO अभिक बनर्जी को छह सूत्री मांगों के समर्थन में एक ज्ञापन सौंपा। धीरेन हेंब्रम के नेतृत्व में आदिवासी समाज के लोगों ने अपनी 6 सूत्री मांगों के समर्थन में प्रशासन का ध्यान आकर्षित करने के लिए ज्ञापन सौंपा। इन की सबसे पहली मांग थी कि पश्चिम बंगाल सिविल सर्विस परीक्षा में जो संथाली भाषा को हटा दिया गया है। इस फैसले को बदलते हुए संथाली भाषा को पुनः बहाल किया जाए। इसके साथ ही उन्होंने फर्जी एससी एसटी सर्टिफिकेट पर रोक लगाने, पेड़ों के विनाश को रोकने, आदिवासियों को जमीन का पट्टा देने जैसी मांगे भी BDO के सामने रखी। इसके अलावा इन्होंने आदिवासियों के पवित्र स्थल माजी थान जाहिर थान का पट्टा देने के विषय के तरफ भी BDO का ध्यान आकर्षित किया। साथ ही जिन स्कूलों को बंद करने का फैसला लिया गया है उसपर भी फिर से विचार करने का अनुरोध किया गया। इनका कहना है कि लंबे समय से आदिवासी समाज के लोग इन मांगों की तरफ प्रशासन का ध्यान आकर्षित करते रहे हैं लेकिन अभी तक कोई सार्थक कदम नहीं उठाया गया है। इस विषय में हमारे संवाददाता ने फोन पर रानीगंज के BDO से बात की तो उन्होंने कहा कि आज आदिवासी समाज के कुछ लोग आए थे जिन्होंने अपनी कुछ मांगों की तरफ प्रशासन का ध्यान आकर्षित करने की कोशिश की। उन्होंने कहा कि उनकी जो मांगे वह अपने स्तर पर पूरी कर सकते हैं उन पर तेजी से कार्रवाई की जाएगी। लेकिन उनकी कुछ मांगे ऐसी हैं जिन्हें उनको अपने उच्च अधिकारियों तक भेजना पड़ेगा जैसे पश्चिम बंगाल सिविल सर्विस परीक्षा से संथाली भाषा को हटाए जाने के बारे में फैसला सरकार द्वारा ही दिया जा सकता है। उन्होंने बताया कि इस मांग के बारे में वह सरकार को सूचित कर देंगे।