सिंघारन नदी को प्रदूषण से बचाने के लिए बैठक

बहादुरपुर इलाके के एक पूर्व शिक्षक श्रीकुमार मंडल ने बताया कि इस क्षेत्र के कारखानों के कारण सिंघारन नदी का पानी दूषित हो गया है। अब यह पानी पीने के क्या, किसी भी चीज के लिए इस्तेमाल के योग्य नहीं है।

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Sneha Singh
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Singharan River

टोनी आलम, एएनएम न्यूज़: बुधवार को आदिवासी समाज की पहल पर सिंघारन नदी बचाओ बैनर के द्वारा जामुड़िया विधानसभा क्षेत्र के तपसी इलाके में एक बैठक की गई। बैठक के उपरांत उपस्थित लोगों के द्वारा सिंघारन नदी के मुद्दे पर अपनी-अपनी राय रखी गई। बहादुरपुर इलाके के एक पूर्व शिक्षक श्रीकुमार मंडल ने बताया कि इस क्षेत्र के कारखानों के कारण सिंघारन नदी का पानी दूषित हो गया है। अब यह पानी पीने के क्या, किसी भी चीज के लिए इस्तेमाल के योग्य नहीं है। उन्होंने बताया कि इस प्रदूषण से नदी का पानी इतना ज्यादा प्रदूषित हो गया है कि जिस पानी को लोग पहले पीते थे, खेती के लिए इस्तेमाल होता था अब वह पानी इतना प्रदूषित हो गया है कि उससे कोई काम नहीं हो सकता। 

उन्होंने कहा कि वह इस तरह के कार्य करने में इच्छुक हैं और वे चाहते हैं कि जल प्रदूषण के साथ-साथ वायु प्रदूषण पर भी रोक लगे। उन्होंने कहा कि इस बारे में उन्होंने प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को पत्र भी लिखा है। यह बहुत जरूरी है कि नदी के प्रदूषण पर नियंत्रण किया जाए ताकि आने वाली पीढ़ी को हम एक स्वच्छ पर्यावरण दे सकें। वही अजीत कुमार कोड़ा ने कहा कि कारखानों की वजह से प्रदूषण फैल रहा है जिससे की नदी किनारे रहने वाले आदिवासी समाज के लोगों को सबसे ज्यादा परेशानी हो रही है। वहीं जो लोग इस पानी को पीते थे या खेती सहित अन्य कार्यों के लिए इस्तेमाल करते थे उनको भी परेशानी हो रही है। उन्होंने बताया कि जिस तरह से ग्लोबल वार्मिंग बढ़ रही है उसी का नतीज है कि सिंघारन नदी में प्रदूषण हुआ है। यह बहुत जरूरी है कि समय रहते इस पर लगाम लगाई जाए।