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टोनी आलम, एएनएम न्यूज़: दुर्गापुर से उठाए गए एक डाक कर्मचारी को बचाने के बाद, दुर्गापुर पुलिस स्टेशन और आसनसोल दुर्गापुर पुलिस के अधिकारी खुद को उत्तर प्रदेश पुलिस अधिकारी बताने वाले लोगों से बात करने के लिए बैठे। पूरी घटना को लेकर दुर्गापुर में तनाव का माहौल है।
मंगलवार सुबह 10:30 बजे, उत्तर प्रदेश नंबर प्लेट वाली एक सफेद इनवा कार ने दुर्गापुर के नववारिया के पास राष्ट्रीय राजमार्ग 19 के किनारे से माखनलाल मीना नामक एक डाक कर्मचारी को उठाया। राजस्थान के रहने वाले माखनलाल मीना का तबादला कर उन्हें दुर्गापुर सिटी सेंटर के पोस्ट ऑफिस में तैनात कर दिया गया। माखनलाल मीना ने दुर्गापुर के वार्ड नंबर 32 के नववारिया में एक मकान किराए पर लिया हुआ है। दिनदहाड़े ऐसी घटना देखकर इलाके के लोग दहशत में आ गए। खबर की सूचना तुरंत स्थानीय फरीदपुर चौकी को दी गई, आसनसोल दुर्गापुर पुलिस के एसीपी सुबीर रॉय मौके पर पहुंचे और पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी। आसनसोल के जुबली पेट्रोल पंप के पास गाड़ी को रोका गया। वह माखनलाल को उत्तर प्रदेश ले जा रहे हैं, पुलिस खुद को उत्तर प्रदेश पुलिस बताने वाले उन लोगों को आसनसोल से दुर्गापुर थाने ले आई। ये पुलिसकर्मी हाफ पैंट पहने हुए थे। अपहरण की शैली में दुर्गापुर सब-डिविजनल कोर्ट से बिना ट्रांजिट रिमांड के उसे कैसे उठाया गया, यह सवाल हर तरफ से उठ रहा है। आसनसोल दुर्गापुर पुलिस के एसीपी सुबीर रॉय ने अपहरण स्थल पर पहुंच कर पहले मामले की जांच करने का आश्वासन दिया। सवाल खड़ा हो गया है कि इतना छुपाने की क्या जरूरत है? पिछले रविवार की रात बदमाशों ने दुर्गापुर इस्पात नगर के तिलक मैदान से बाइक सवार दो साल के बच्चे का अपहरण कर लिया। मंगलवार की सुबह दुर्गापुर के हृदय स्थल सिटी सेंटर के पास नववारिया के निवासी के साथ इस घटना से भयभीत हो गये। सबसे बड़ी घटना क्षेत्र एक हाई प्रोफाइल क्षेत्र है, क्योंकि आसनसोल दुर्गापुर पुलिस एसीपी कार्यालय घटना स्थल से पैदल दूरी पर है। इस बीच, इस सफेद रंग की इनवा कार के चालक ने कहा कि वे तीन दिन पहले दुर्गापुर आये थे, आज माखनलाल मीना नामक इस डाक कर्मचारी को उनकी कार में ले जाया गया। पुलिस ने पूरे मामले की जांच शुरू कर दी है। बाहरी राज्यों की पुलिस की सूचना स्थानीय थाने को क्यों नहीं दी गयी? यदि यह संभव नहीं है तो माखनलाल मीना को आगे वाली फरीदपुर चौकी पर क्यों नहीं ले जाया गया। सवाल उठता है कि अगर माखनलाल के नाम से शिकायत है तो डाककर्मी को दुर्गापुर महकमा अदालत में ट्रांजिट रिमांड पर क्यों नहीं ले जाया गया। कुल मिलाकर सुबह 10:30 बजे से शुरू हुआ अपहरण का यह ड्रामा महज कुछ ही घंटों में खत्म हो गया, लेकिन इस घटना पर कई सवाल बने हुए हैं। हालांकि, माखनलाल मीणा नाम के डाककर्मी को बचाने के बाद दुर्गापुर थाने की पुलिस ने राहत की सांस ली, क्योंकि बच्चे के अपहरण मामले को लेकर पुलिस अभी भी दबाव में है।
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