गुरमत लहर ऑर्गेनाइजेशन की तरफ से गुरमत चेतन विंटर कैंप का आयोजन
इस कैंप में बच्चों को गुरु गोविंद सिंह जी के चार पुत्रों की शहीदी के बारे में एवं गुरबाणी गुरु इतिहास के बारे में जानकारी दी गई। इस कैंप में विशेष तौर से पंजाब के शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी अमृतसर से विशेष रूप से शिक्षकों को मंगाया गया था।
टोनी आलम, एएनएम न्यूज़: बृहस्पतिवार को गुरमत लहर ऑर्गेनाइजेशन पश्चिम बंगाल की तरफ से गुरु गोविंद सिंह जी के पुत्र चार साहेबजादो की शहीदी को समर्पित गुरमत चेतन विंटर कैंप का आयोजन गोबिंद नगर गुरुद्वारा प्रांगण एवं बर्नपुर गुरुद्वारा प्रांगण में हुआ। इस कैंप में बच्चों को गुरु गोविंद सिंह जी के चार पुत्रों की शहीदी के बारे में एवं गुरबाणी गुरु इतिहास के बारे में जानकारी दी गई। इस कैंप में विशेष तौर से पंजाब के शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी अमृतसर से विशेष रूप से शिक्षकों को मंगाया गया था, जिन्होंने बच्चों को गुरु इतिहास गुरबाणी एवं सामाजिक अच्छाइयों के बारे में जानकारी दी इस विषय पर आए प्रचारक शिक्षक शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के जगजीत सिंह, हरपिंदर सिंह, हरप्रीत सिंह ने गोविंद नगर गुरुद्वारा कैंप में अपनी सेवा निभाई एवं बच्चों को ज्ञान बांटा, वही बर्नपुर गुरुद्वारा में प्रचारक शिक्षक गुरविंदर सिंह जम्मू वाले, चरणजीत सिंह फनी ने गुरु इतिहास गुरबाणी एवं एक अच्छे समाज में अच्छे नागरिक कैसे बनना है इस विषय में बच्चों को तालीम दी।
इस कैंप के दौरान गुरमत लहर ऑर्गेनाइजेशन पश्चिम बंगाल की तरफ से विशेष रूप से दस्तार अर्थात पगड़ी बांधने के लिए जो तरीका होता है उसको सीखने के लिए इंटरनेशनल टर्बन कोच गुलाब सिंह को विशेष रूप पर बुलाया गया था ताकि सिख बच्चे एवं बच्चियों अपने सर पर टर्बन और अच्छे सुंदर तरीके से सजा सके, यही नतीजा है कि आज आसनसोल सिलपंचल में गुरमत लहर आर्गेनाइजेशन की दें से छोटे-छोटे बच्चे बच्चियां भी टर्बन दस्तार दुमाला बांधकर अपने आप को गौरव मित्र महसूस करते हैं। इस पूरे कैंप के बारे में गुरमत लहर आर्गेनाइजेशन के सदस्य सुखदेव सिंह ने बताया कि गोविंद नगर गुरुद्वारा खालसा सिख संगत कमेटी एवं बर्नपुर गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी ने इस पूरे कार्यक्रम में अपना पूरा सहयोग दिया है। इसके साथ-साथ अन्य गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी एवं साथ संगत भी इस कैंप में पूरा सहयोग दे रही है, हम सभी का धन्यवाद करते हैं और आस करते हैं पहले दीन की तरह दुसरे और तीसरे दीन भी इन सभी का सहयोग मिलेगा और इसी तरह का प्यार एवं सेवा का कार्य करने का मौका हम लोगों को मिलता रहेगा।