/anm-hindi/media/media_files/2wPmc5zYLDniiwRHeVaO.jpg)
टोनी आलम, एएनएम न्यूज़: बृहस्पतिवार को कुनुस्तोरिया एरिया क्षेत्र के कुनुस्तोरिया कोलयरी के दो नंबर पिट पर सीटु की सभा। इस मौके पर जीके श्रीवास्तव, मनोज दत्त, कलीमुद्दीन अंसारी, शंभू चौधरी, नासिर मियां, सुब्रतो सिद्धांत, विनोद अहीर और राधेश्याम हरिजन के अलावा कई सीटू समर्थक उपस्थित रहे। इस मौके पर जीके श्रीवास्तव ने कहा कि पहले कोयला खदानें निजी हाथों में हुआ करती थी लेकिन 70 के दशक में उनका राष्ट्रीयकरण हुआ। उन्होंने कहा कि यह इसलिए संभव हुआ कि कोयला खदानों में काम करने वाले तत्कालीन श्रमिकों ने आंदोलन खड़ा किया। उन्होंने कहा कि वह श्रमिक एक तरह से हमारे पूर्वज थे जिन्होंने वह आंदोलन खड़ा किया था जिसकी फसल हमें यह मिली कि 70 के दशक में कोयला खदानों का राष्ट्रीयकरण किया गया और निजी हाथों में रहते हुए जिस तरह से कोयला खदानों में काम करने वाले मजदूरों का शोषण हुआ करता था वह बंद हो गया। लेकिन एक बार फिर से वर्तमान केंद्र सरकार कोयला खदानों को रिवेन्यू शेयरिंग के नाम पर निजी हाथों में सौंपने की कोशिश कर रही है।
उन्होंने कहा कि इससे एक बार फिर से कोयला खदान में काम करने वाले श्रमिकों के सामने अस्तित्व का संकट पैदा हो गया है। उन्होंने कहा कि इसके लिए संघर्ष करने की आवश्यकता है, कॉल इंडिया की 20 तथा ईसीएल की चार कोयला खदानों को रेवेन्यू शेयरिंग के लिए चुना गया है। उन्होंने कहा कि अगर केंद्र सरकार के निजीकरण की कोशिशों को अभी नहीं रोका गया तो वह दिन दूर नहीं जब प्रबंधन का नियंत्रण निजी हाथों में चला जाएगा। उन्होंने कहा कि वर्तमान में 37% निजीकरण हो चुका है लेकिन अभी भी समय है अगर यह 50% तक पहुंच गया तो प्रबंधन में नियंत्रण निजी मालिकों का हो जाएगा, इसके लिए अभी से संघर्ष करने की आवश्यकता है।
/anm-hindi/media/agency_attachments/7OqLqVqZ67VW1Ewake8O.png)