अपनी मांगों को लेकर आशा कर्मियों ने किया हड़ताल

आशा कर्मीओं की ओर से मौसमी राय चौधरी ने कहा कि मासिक भत्ता बढ़ाने, आशा कर्मीओं को घोषणा के अनुरूप एंड्रॉइड मोबाइल फोन देने, प्रोत्साहन राशि का एक साथ भुगतान करने और अतिरिक्त काम के लिए उपयुक्त भत्ता बढ़ाने की मांगों को लेकर हड़ताल की जा रही है।

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Sneha Singh
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ASHA workers

टोनी आलम, एएनएम न्यूज़: शुक्रवार को दुर्गापुर फरीदपुर ब्लॉक प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में आशा कर्मीओं ने अपनी मांगों को लेकर हड़ताल किया। आज उन्होंने स्वास्थ्य केंद्र के प्रांगण में विरोध प्रदर्शन किया। आशा कर्मीओं के काम पर नहीं आने से स्वास्थ्य सेवाएं बाधित हुई। आशा कर्मीओं की ओर से मौसमी राय चौधरी ने कहा कि मासिक भत्ता बढ़ाने, आशा कर्मीओं को घोषणा के अनुरूप एंड्रॉइड मोबाइल फोन देने, प्रोत्साहन राशि का एक साथ भुगतान करने और अतिरिक्त काम के लिए उपयुक्त भत्ता बढ़ाने की मांगों को लेकर हड़ताल की जा रही है। पल्स पोलियो और फाइलेरिया आदि के भत्ते में वृद्धि के समर्थन में यह आंदोलन किया जा रहा है। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि अगर जल्द ही मांगें पूरी नहीं की गईं तो आने वाले दिनों में वह पल्स पोलियो कार्यक्रम में शामिल नहीं होंगी। 

उन्होंने कहा कि दिसंबर महीने से उनका भत्ता नहीं मिल रहा है जिस वजह से महंगाई के इस दौर में उनको काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। उन्होंने कहा कि आज के इस हड़ताल में 103 आशा कर्मियों ने काम बंद रखा है उनको उम्मीद थी कि राज्य सरकार और केंद्र सरकार के बजट में आशा कर्मियों के लिए आशा की किरण दिखाई देगी, लेकिन जब ऐसा नहीं हुआ तब वह लोग मजबूरी में आज हड़ताल करने के लिए उतरे हैं। उन्होंने कहा कि परसों से जो पल्स पोलियो अभियान शुरू होने वाला है उसका भी वह बायकॉट करेंगे, अगर उनकी मांगे पूरी नहीं हुई। उन्होंने कहा कि आम जनता को इससे परेशानी होगी लेकिन आम जनता जानती है कि आशा कर्मियां कितनी मेहनत करती हैं और किस तरह से उनकी जायज मांगों को भी पूरा नहीं किया जा रहा है। 

उन्होंने बताया कि इससे पहले उन्होंने प्रशासन के विभिन्न स्तर पर अपनी गुहार लगाई है लेकिन अभी तक उनकी मांगे पूरी नहीं हुई है जिस वजह से आज मजबूरी में उनको हड़ताल करना पड़ा। हालांकि उन्होंने बताया कि उनको अभी भी राज्य के मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से उम्मीद है कि वह आशा कर्मियों की परेशानियों को समझेंगे और उनकी मांगों को पूरा किया जाएगा। अगर ऐसा नहीं होता तो आने वाले समय में वह और बड़े पैमाने पर आंदोलन करने को मजबूर होगी।