थाने के नए प्रभारी से मुलाकात कर अग्निमित्रा पॉल ने लगाया गंभीर आरोप

उन्होंने कहा कि ऐसा चलने नहीं दिया जाएगा ईसीएल एक केंद्रीय संस्था है और अगर यहां के लोगों के साथ सिर्फ इसलिए अन्याय होता है क्योंकि वह भाजपा समर्थक हैं तो इसका पुरजोर विरोध किया जाएगा।

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Sneha Singh
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टोनी आलम, एएनएम न्यूज: आसनसोल दक्षिण की विधायक अग्निमित्रा पॉल (MLA Agnimitra Paul) ने आज जामुड़िया (jamuria) थाने में थाने के नए प्रभारी राजशेखर मुखर्जी (Rajshekhar Mukherjee) से मुलाकात की और चिचुड़िया के डांगाल पाड़ा इलाके के लोगों की परेशानियों के बारे में उनसे बातचीत की। इसके उपरांत पत्रकारों से बात करते हुए अग्निमित्रा पॉल ने कहा कि जामुड़िया विधानसभा अंतर्गत मधुडांगा इलाके को ईसीएल द्वारा अधिग्रहित किया गया था वहां के लोगों को डांगालपाड़ा इलाके में पुनर्वास दिया गया था तब ईसीएल (ECL) की तरफ से कहा गया था कि वहां पर बिजली की व्यवस्था की जाएगी लेकिन यह बड़े अफसोस की बात है कि ईसीएल द्वारा चिचुड़िया इलाके के डांगाल पाड़ा में बिजली की व्यवस्था नहीं की गई है। विधायक ने आरोप लगाया कि यह इसलिए किया गया है क्योंकि यहां के लोग बीजेपी समर्थक हैं आसपास के गांव में बिजली (electricity) की व्यवस्था की गई है जबकि यहां के लोगों को बिजली जैसे मूलभूत सुविधा से वंचित किया जा रहा है और वह भी सिर्फ इसलिए क्योंकि यहां के लोग बीजेपी समर्थक हैं। 

उन्होंने कहा कि ऐसा चलने नहीं दिया जाएगा ईसीएल एक केंद्रीय संस्था है और अगर यहां के लोगों के साथ सिर्फ इसलिए अन्याय होता है क्योंकि वह भाजपा समर्थक हैं तो इसका पुरजोर विरोध किया जाएगा। विधायक अग्निमित्रा पाल ने आज इस बारे में जमुड़िया थाने के प्रभारी से बात की। विधायक ने कहा कि वह समझती है कि शायद जामुड़िया थाने के प्रभारी तथा गांव वालों के बीच कोई गलतफहमी हुई होगी, लेकिन वह इसे कतई बर्दाश्त नहीं करेंगी कि यहां के लोगों को बिजली जैसी मूलभूत सुविधा प्राप्त न हो। उन्होंने कहा कि इस मुद्दे पर उन्होंने ईसीएल के जनरल मैनेजर से भी मुलाकात करने की कोशिश की लेकिन वह विदेश गए हैं तो उन्होंने वहां के असिस्टेंट जनरल मैनेजर से मुलाकात की और उनसे कहा कि यहां के लोगों को बिजली की सुविधा उपलब्ध कराई जाए। उनको सुनने में आया है कि ईसीएल के अधिकारियों ने भी यहां के गांव वालों से कहा था कि विधायक अग्निमित्रा पाल के कहने पर बिजली काटी गई है जो की पूरी तरह से बेबुनियाद है। इसके साथ ही उन्होंने जमुड़िया के विधायक हरे राम सिंह पर भी कटाक्ष करते हुए कहा कि शायद उनको पता ही नहीं है कि उनके ही विधानसभा क्षेत्र के डांगाल पाड़ा के लोगों को बिजली उपलब्ध नहीं हो रही है ऐसा शायद इसलिए क्योंकि विधायक बनने के बाद उनका जमीन से नाता टूट गया है  ठीक वैसे ही जैसे मुख्यमंत्री बनने के बाद ममता बनर्जी का जमीनी स्तर से नाता टूट गया है। 

यही वजह है कि उनको लोगों के दुख दर्द का एहसास नहीं है उन्होंने कहा कि जामुड़िया में उन्होंने ऐसे कई घर देखे जो टूटने के कगार पर हैं ऐसे जरूरतमंद लोगों को प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत घर सिर्फ इसलिए नहीं दिया जा रहा है क्योंकि वह भाजपा समर्थक हैं। इसके अलावा उन्होंने कहा कि इसे कतई बर्दाश्त नहीं किया जाएगा जो सही मायनों में जरूरतमंद है उनको प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत घर उपलब्ध कराना होगा। वहीं इस बारे में चिंचूरिया के डांगाल पाड़ा इलाके के एक निवासी ने बताया कि मधुडांगा क्षेत्र से उनको यहां पर पुनर्वास दिया गया था तब ईसीएल के सामने गांव वालों ने 9 सूत्री मांगे रखी थी इनमें बिजली की व्यवस्था, मैरिज हॉल की व्यवस्था, खेल के मैदान की मरम्मत करना और एक स्टेज का निर्माण करना, इन चार मांगों को ईसीएल अधिकारियों ने मौखिक रूप से मान लिया था गांव वालों ने आपस में पैसे जुगाड़ कर करीब 26 लाख रुपए जमा भी किए थे ईसीएल की तरफ से इलेक्ट्रिक पोल का भी इंतजाम किया गया था उसके बाद पंचायत चुनाव आ गए और बिजली काट दी गई। जब उनसे बिजली काटने के कारण के बारे में पूछा गया तो ईसीएल अधिकारियों ने उन्हें बताया था कि राजनीतिक कारणों से बिजली काटी गई है। उन्होंने कहा कि पुलिस फांड़ि की तरफ से भी यही कहा गया था। वहीं उन्होंने कहा कि जब वह स्थानीय पंचायत से इसकी शिकायत करने जाते हैं तो पंचायत की तरफ से कोई सुनवाई नहीं होती, कहा जाता है कि यह ईसीएल का मामला है वह इसमें कुछ नहीं कर सकते।