एएनएम न्यूज़, ब्यूरो : शुक्रवार को कलकत्ता उच्च न्यायालय ने अपने पहले के उस आदेश पर रोक लगाने से इनकार कर दिया जिसमें बंगाल सरकार को अदालत से पूर्व अनुमति के बिना विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने से रोक दिया गया था। न्यायमूर्ति जय सेनगुप्ता की एकल पीठ ने बताया कि राज्य के पास अधिकारी के खिलाफ आसनसोल भगदड़ मामले में प्राथमिकी दर्ज करने की स्वतंत्रता थी, लेकिन इसके लिए उच्च न्यायालय की अनुमति की आवश्यकता थी। अधिकारी के खिलाफ कोई भी प्राथमिकी दर्ज करने पर प्रतिबंध न्यायमूर्ति राजशेखर मंथा की एकल पीठ ने लगाया था। अधिकारी के खिलाफ कोई भी प्राथमिकी दर्ज करने पर प्रतिबंध न्यायमूर्ति राजशेखर मंथा की एकल पीठ ने लगाया था। उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश ने मामले को न्यायमूर्ति सेनगुप्ता को सौंपा। न्यायमूर्ति मंथा के आदेश पर स्थायी रोक लगाने की राज्य सरकार की मांग पर टिप्पणी करते हुए न्यायमूर्ति सेनगुप्ता ने बताया कि, ''मुद्दे में कोई जल्दबाजी नहीं है। अदालत इस पर बाद में सुनवाई कर सकती है।"