इसे सड़क कहते हैं

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Harmeet
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इसे सड़क कहते हैं

एएनएम न्यूज़, ब्यूरो : भले ही आसनसोल की गिनती तेजी से विकसित होने वाले शहरों मे से एक है पर इस शहर की हकीकत बयान करे तस्वीरे बिल्कुल इसके विपरीत है। डामरा और रानीगंज के बिच टिराट इलाका है, यहाँ से दामोदर नदी गुजरती है और यहाँ दामोदर नदी की साफ -सफाई चल रही है, जिसका टेंडर कोलकाता की एक बड़ी कंपनी डेर्जिंग कंपनी को मिला है। यह कंपनी बिना किसी मूल्य के दामोदर नदी की सफाई का कार्य कर रही है। कंपनी के मालिक की अगर माने तो उनको राज्य सरकार द्वारा दामोदर नदी के साफ-सफाई के लिये टेंडर मिला है, इस टेंडर मे सरकार से उनकी सिर्फ यही शर्त है, की सफाई के दौरान दामोदर नदी से जो बालू उठाया जाएगा उस बालू मे से आधा बालू सरकार को और आधा कंपनी के खाते मे जायेगा। इसके आलावा सरकार डेर्जिंग कंपनी को कोई भी शुल्क नही देगी, ऐसे मे जब दामोदर घाट से नदी की सफाई के नाम पर जब बालू उठाव किया जा रहा है, तब इलाके मे कई जगह सड़कें टूट गई है। जगह-जगह पानी का पाईप लाईन भी फट गया है, इलाके का सड़क मानो दलदल मे तब्दील हो गया है, इलाके से सडको पर सिर्फ भारी वाहन हाइवा और ट्रक ही गुजर रहे हैं। छोटे वाहनों का आना -जाना पूरी तरह बंद हो चूका है, लोगों को कीचड़ मे डूबकर आना -जाना करना पड़ रहा है। इलाके के छात्र और छात्रा अपने जूते व चप्पल खोलकर कीचड़ों से भरी सड़क को पार कर रहे हैं, वहीं इलाके की पाईप लाईन फटने से इलाके मे पेय जल की सुविधा भी पूरी तरह बाधित है, ऐसे मे स्थानीय लोगों ने कई बार जन प्रतिनिधि से इलाके की समस्याओं से अवगत करवाया, जिला प्रशासन को भी इस बाबत अवगत करवाया गया पर किसी ने इलाके की समस्या की सुध तक नही ली।



आलम यह है कि इलाके के लोगों ने इलाके की समस्या को दुरुस्त करवाने की मांग को लेकर इलाके की सड़क जाम कर जम कर प्रदर्शन किया साथ ही उन्होंने बालू लदी कई वाहनों को भी रोक दिया है और लगातार यह मांग कर रहे हैं की उनके इलाके की समस्याओं को जल्द से जल्द निपटारा किया जाये अन्यथा उनका यह प्रदर्शन और भी उग्र होगा, साथ ही स्थानीय लोगों का यह भी आरोप है कि इलाके के तृणमूल नेता और पार्षद डेर्जिंग कंपनी से पैसे ले रहे हैं, इस लिये वह इलाके की समस्याओं पर मौन हैं।