मिट्टी के दीये जलाना हमारी परंपरा, इस दीपावली मिट्टी के दीये जलाए

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मिट्टी के दीये जलाना हमारी परंपरा, इस दीपावली मिट्टी के दीये जलाए

राहुल तिवारी, एएनएम न्यूज: आज की भागती दौड़ती जिंदगी में लोग अपनी परंपरा को भूलते जा रहे हैं। इसका परिणाम है कि आज देश में पर्यावरण संकट के साथ-साथ कई तरह की समस्या उत्पन्न हो रही है। जिसके चलते सभी लोग और जीव-जंतु के जीवन पर संकट है। इस परंपरा में एक दीपावली पर्व पर मिट्टी के दीये जलाना भी है। जिसको आज लोग भूलते जा रहे हैं और उसकी जगह पर चाइनीज इलेक्ट्रानिक लाइटों का उपयोग कर रहे हैं। लेकिन जो सुंदरता मिट्टी के दीये जलने पर दिखती है वो इलेक्ट्रानिक लाइटों के जलने से नहीं। इस बात को स्वयं लोग भी स्वीकार कर रहे हैं और इस परंपरा को लोगों के भूलने पर चिंता भी व्यक्त कर रहे हैं। यह तस्वीर आसनसोल के धधक कुम्हार पारा की है।





तस्वीरों में आप देख सकते है किस तरह से मिट्टी के बर्तन एंव दिये बनाने वाला कुम्हार दीपावली को लेकर तैयारी कर रहा है और दीपावली पर्व पर कई लोगों के आर्डर को पूरा करने में दिन रात एक कर मेहनत करते थे। तस्वीरों में आप देख सकते है कि किस तरह से कुम्हार चक्का घूमा कर दीपावली के मिट्टी के दिये एंव बर्तन तैयार कर रहा है। हालांकि उन्हें चिंता है कि जिस तरीके से लोग मिट्टी के दिये कि जगह चाइनीज इलेक्ट्रानिक लाइटों का उपयोग कर रहे है, मिट्टी के दिये कि बिक्री कम हो गई है। और पहले की तरह बाजार में अब मिट्टी के दिये कि मांग नही है। कुम्हारों की अपील है कि लोग अपनी संस्कृति को ना भूले एंव मिट्टी के दियों के साथ ही रौशनी के पर्व दीपावली को मनाये।