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स्टाफ रिपोर्टर, एएनएम न्यूज़: आरजी कर डॉक्टर रेप और मर्डर केस के बाद से ही पूर्व प्रिंसिपल संदीप घोष सुर्खियों में हैं। इस मामले में उन्हें पहले ही गिरफ्तार किया जा चुका है। वहीं, सीबीआई ने आरजी कर वित्तीय भ्रष्टाचार मामले में भी उन्हें गिरफ्तार किया है। अब इसी संदीप को लेकर बड़ी खबर सामने आ रही है।
आरजी कर अस्पताल में भ्रष्टाचार के कई आरोप पहले ही सामने आ चुके हैं। अब पता चला है कि संदीप अपनी मर्जी से ‘हाउसस्टाफशिप’ की अवधि बढ़ा लेते थे। दरअसल, मेडिकल छात्रों की ‘हाउसस्टाफशिप’ की एक निश्चित अवधि होती है। आमतौर पर यह 1 साल की होती है। इस अवधि के दौरान उन्हें 50,000 रुपये प्रति माह मिलते हैं।
हालांकि, सीबीआई अधिकारियों का आरोप है कि संदीप सरकारी नियमों की परवाह किए बिना अपनी पसंद के छात्रों की ‘हाउसस्टाफशिप’ की अवधि बढ़ा देते थे। नतीजतन, उन सभी छात्रों को कई और महीनों तक 50,000 रुपये मिलते थे। इससे सरकार (पश्चिम बंगाल सरकार) को घाटा होता। आरोप है कि इसके बजाय आरजी कर के पूर्व प्रिंसिपल अपने 'पसंदीदा' छात्रों से दिन-प्रतिदिन कई तरह के अवैध काम करवाते थे। रिपोर्ट्स में कहा गया है कि इस बार ऐसे गंभीर आरोपों को ध्यान में रखते हुए सीबीआई आरजी कर वित्तीय भ्रष्टाचार मामले में संदीप के खिलाफ चार्जशीट दाखिल करने जा रही है। खबर है कि यह चार्जशीट अगले 2-1 दिनों में अलीपुर विशेष अदालत में दाखिल कर दी जाएगी। अखिल भारतीय मीडिया ने सीबीआई के हवाले से दावा किया है कि करोड़ों रुपये के टेंडर भ्रष्टाचार के मुद्दे को वहां प्राथमिकता मिलने जा रही है।
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