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स्टाफ रिपोर्टर, एएनएम न्यूज़: कोलकात रेप मर्डर केस में घिरीं सीएम ममता बनर्जी ने कुछ दिन पहले पीएम मोदी को पत्र लिखा था। अब महिला एवं बाल विकास मंत्री अन्नपूर्णा देवी ने ममता बनर्जी द्वारा प्रधानमंत्री को लिखी गई चिट्ठी के जवाब में एक पत्र लिखा है और रेप मामलों से निपटने के लिए केंद्र सरकार द्वारा उठाए गए कदमों का उल्लेख किया है।
अन्नपूर्णा देवी ने पत्र लिखकर कहा, “फास्ट ट्रैक स्पेशल कोर्ट के संबंध में, बलात्कार और यौन अपराधों से बच्चों के संरक्षण (POCSO) अधिनियम से संबंधित लंबित मामलों के शीघ्र परीक्षण और निपटान के लिए समयबद्ध तरीके से एक केंद्र प्रायोजित योजना (60:40 शेयरिंग आधार) यानी फास्ट ट्रैक स्पेशल कोर्ट (FTSCs) योजना अक्टूबर 2019 में शुरू की गई थी। 30.06.2024 तक 409 POCSO कोर्ट्स सहित 752 FTSCs 30 राज्यों / केंद्रशासित प्रदेशों में कार्यात्मक हैं, जिन्होंने योजना की शुरुआत से 2,53,000 से अधिक मामलों का निपटारा किया है। इस योजना के तहत पश्चिम बंगाल राज्य को कुल 123 FTSCs आवंटित किए गए थे, जिसमें 20 POCSO कोर्ट और 103 संयुक्त FTSCs शामिल हैं, जो बलात्कार और POCSO अधिनियम दोनों मामलों से निपटते हैं। हालांकि, इनमें से कोई भी कोर्ट जून 2023 के मध्य तक चालू नहीं हुई थी।"
पत्र में केंद्रीय मंत्री ने आगे कहा, "पश्चिम बंगाल ने 08.06.2023 के पत्र के माध्यम से योजना में भाग लेने की अपनी इच्छा व्यक्त की, जिसमें 7 FTSC शुरू करने की प्रतिबद्धता जताई गई। संशोधित लक्ष्य के तहत, पश्चिम बंगाल को 17 FTSC आवंटित किए गए हैं, जिनमें से 30.06.2024 तक केवल 6 POCSO अदालतें चालू हो पाई हैं। पश्चिम बंगाल में बलात्कार और POCSO के 48,600 मामले लंबित होने के बावजूद राज्य सरकार ने शेष 1 FTSC को शुरू करने के लिए कोई कदम नहीं उठाया है। इस संबंध में कार्रवाई राज्य सरकार के पास लंबित है।”
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