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स्टाफ रिपोर्टर, एएनएम न्यूज़ : हालही में बेंगलुरु (Bengaluru) में 18 जुलाई को विपक्षी दलों के बीच एकता का प्रदर्शन। पिछले राजनीतिक संघर्षों में जहा प्रस्थान का संकेत देता देखा रहा था वहीं अब अपनी चमक खो रहा है। जहां कांग्रेस (Congress) के केंद्रीय नेतृत्व ने कर्नाटक की राजधानी में ममता बनर्जी (Mamta Banerjee) को गले लगाया, वहीं पार्टी की पश्चिम बंगाल इकाई ने इस सौहार्द को आसानी से स्वीकार नहीं किया। भाजपा के आईटी सेल प्रमुख अमित मालवीय द्वारा ट्विटर पर साझा किए गए एक वायरल वीडियो में कथित तौर पर मालदा में दो आदिवासी महिलाओं को निर्वस्त्र करने, यातना देने और पीटने का चित्रण किया गया था, जिससे बंगाल में सत्तारूढ़ टीएमसी और विपक्ष के बीच तीखी नोकझोंक हुई। पश्चिम बंगाल (West Bengal) कांग्रेस प्रमुख अधीर रंजन चौधरी मौके का फायदा उठाते हुए बंगाल में ममता बनर्जी के शासन और राज्य में मौजूदा कानून व्यवस्था की आलोचना की, जो मालदा जिले के एक वायरल वीडियो में सामने आया। उन्होंने घटना में शामिल अपराधियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की
TMC का बोलना है की उसे किसी की मदद की जरूरत नहीं है ,वहीं चौधरी का कहना है की "ममता बनर्जी 2011 में कांग्रेस की मदद से सत्ता में आई थीं। तब उन्होंने इससे इनकार किया था। राज्य के लोगों का अब ममता बनर्जी से मोहभंग हो गया है। इसलिए, उन्हें लगा कि अब उन्हें कांग्रेस से हाथ मिला लेना चाहिए...तृणमूल को अब कांग्रेस की सख्त जरूरत है।"
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