क्या बंगाल में लागू होगा CAA? क्या इस कानून को लागू करने से मना कर सकता हैं राज्य?

वही पश्चिम बंगाल की ममता सरकार ने सीएए को लागू करने से नकार दिया है। उनका कहना है कि नियम देखने के बाद ही आगे कुछ कह सकते हैं। अगर, धर्म, जाति और भाषा के आधार पर किसी के साथ भेदभाव होता है, तो हम इसे लागू होने नहीं देंगे। कड़ा विरोध करेंगे। 

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Ankita Kumari Jaiswara
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स्टाफ रिपोर्टर, एएनएम न्यूज़ : नागरिकता संशोधन कानून यानी सीएए करने का नोटिफिकेशन जारी कर दिया गया। इसके साथ ही अब नागरिकता संशोधन कानून पूरे देश में लागू हो गया है। वही पश्चिम बंगाल की ममता सरकार ने सीएए को लागू करने से नकार दिया है। उनका कहना है कि नियम देखने के बाद ही आगे कुछ कह सकते हैं। अगर , धर्म, जाति और भाषा के आधार पर किसी के साथ भेदभाव होता है, तो हम इसे लागू होने नहीं देंगे। कड़ा विरोध करेंगे। 

लेकिन अब अगर आपके मन में भी ये सवाल उठ रहा है की क्या बंगाल में नहीं लागू होगा CAA? तो चलिए जानते है कि क्या राज्य सरकार को इसे खारिज करने का हक है या नहीं ?

आइये जानते है क्या कहता है प्रावधान? 

आदिवासी इलाकों में सीएए के प्रावधान लागू नहीं होंगे, जिन्हें संविधान की छठी अनूसूची के तहत संरक्षित किया गया है। इसमें असम, मेघालय, मिजोरम और त्रिपुरा के आदिवासी इलाके आते हैं। इतना ही नहीं, इनर लाइन परमिट सिस्टम वाले पूर्वोत्तर राज्य यानी अरुणाचल प्रदेश, नागालैंड और मिजोरम, मणिपुर में भी यह लागू नहीं होगा। यह भी साफ है कि संविधान में केंद्र की सूची में आने वाले मामलों से संबंधित निर्णय पर राज्य सरकारों को हस्ताक्षेप का कोई अधिकार नहीं है।