Hyderabad : आषाढ़ के आगमन के साथ महिलाएं देवी को बोना प्रदान करती हैं

आषाढ़ (Ashadh) के आगमन होते ही  हैदराबाद (Hyderabad) में एक आध्यात्मिक वातावरण (spiritual environment) प्रबल होता है। सप्ताह दर सप्ताह इस उत्साह का लोहा मनवाया जाता है।

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Kalyani Mandal
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स्टाफ रिपोर्टर, एएनएम न्यूज़ : आषाढ़ (Ashadh) के आगमन होते ही  हैदराबाद (Hyderabad) में एक आध्यात्मिक वातावरण (spiritual environment) प्रबल होता है। सप्ताह दर सप्ताह इस उत्साह का लोहा मनवाया जाता है। अम्मोर की माता (mother of ammor )के मेले से जुड़वां शहर भक्तों के जमावड़े में बदल जाते हैं। गोलकोंडा किले से शुरू होने वाला प्रामाणिक हंगामा लश्कर उज्जयिनी महाकाली कोवेला में दुगुना हो जाता है। अम्मावरी के सान्निध्य में लालदरवाजा शोभायमान है। इस समारोह में, महिलाएं देवी को बोना ( sow) प्रदान करती हैं। एक कोठाकुंड में चावल, दूध, घी और चीनी मिलाकर प्रसाद तैयार किया जाता है। बर्तन को चूने से रंगा जाता है और हल्दी और केसर से सजाया जाता है। इसके ऊपर नीम मंडल रखा जाता है। घड़े पर एक ज्योति जलाई जाती है। इस पवित्र बोनन को सिर पर धारण कर, ढोल के साथ गीत गाते हुए और लयबद्ध तरीके से नृत्य करते हुए, वे मंदिर के चारों ओर सात चक्कर लगाते हैं और देवी को बोनान चढ़ाते हैं।