भद्रकाली जयंती ज्येष्ठ मास के कृष्ण पक्ष की अपरा एकादशी के दिन मनाई जाती है। भद्रकाली जयंती पर लोग निर्जला व्रत रखते हैं और पूजा पाठ करते है। अपरा एकादशी को निर्जला एकादशी और भद्रकाली एकादशी के नाम से भी जाना जाता है।
स्टाफ रिपोटर, एएनएम न्यूज़ : ज्येष्ठ मास के कृष्ण पक्ष की अपरा एकादशी (Apara Ekadashi) के दिन मनाई जाती है भद्रकाली जयंती (Bhadrakali Jayanti)। भद्रकाली जयंती पर लोग निर्जला व्रत रखते हैं और पूजा पाठ करते है। अपरा एकादशी को निर्जला एकादशी और भद्रकाली एकादशी के नाम से भी जाना जाता है। इस दिन मां काली के भद्रकाली रूप की पूजा करने तमाम रोग, दोष और शोक समाप्त हो जाते है । इस दिन का महत्व सबसे अधिक दक्षिण भारत में देखने को मिलता है। ऐसे में इस दिन देवी मां की पूजा आराधना (worship) करने से साधक के सभी कष्टों का हनन हो जाएगा और सुख में वृद्धि होगी। अपरा एकादशी 15 मई को सुबह 2 बजकर 46 मिनट से आरंभ हो रही है और अगले दिन यानी 16 मई को 1 बजकर 3 मिनट पर समाप्त हो जाएगी।