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स्टाफ रिपोर्टर, एएनएम न्यूज़ : श्रीकृष्ण जन्माष्टमी (shri krishna janmashtami) व्रत को रखने से एक दिन पहले यानी सप्तमी तिथि पर हल्का और सात्विक भोजन (pure food) ग्रहण करें। श्रीकृष्ण जन्माष्टमी व्रत में अष्टमी तिथि पर व्रत पूजन और नवमी पर पारण से व्रत की पूर्ति होती हैं।
जन्माष्टमी के दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान आदि करके सभी देवताओं को नमस्कार करे। फिर पूर्व या उत्तर की ओर मुख करके बैठें और हाथ में जल, फल और पुष्प लेकर व्रत का संकल्प करें। फिर मध्यान्ह के समय काले तिलों का जल छिडक कर देवकी (Debki) जी के लिए प्रसूति गृह बनाएं। इस सूतिका गृह में सुन्दर बिछौना बिछाकर उस पर कलश की स्थापना करें। इसके बाद श्रीकृष्ण के बाल स्वरूप के साथ माता देवकी की मूर्ति स्थापित करें और फिर देवकी, वासुदेव, बलदेव, नन्द, यशोदा और लक्ष्मी जी का नाम लेते हुए विधि विधान से पूजा आरंभ करें। इस व्रत को रात्रि 12 बजे के बाद ही खोल सकते हैं।
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