Spiritual: अधिकमास का पहला प्रदोष व्रत है कल

हिंदू धर्म में कई सारे व्रत(fast)  त्योहार (festival) मनाए जाते हैं लेकिन प्रदोष व्रत(prodosh brata) का अपना महत्व होता हैं, जो कि भगवान शिव (Lord Shiva) की पूजा आराधना को समर्पित होता हैं।

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Kalyani Mandal
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prodosh brata.

स्टाफ रिपोर्टर, एएनएम न्यूज़ : हिंदू धर्म में कई सारे व्रत(fast)  त्योहार (festival) मनाए जाते हैं लेकिन प्रदोष व्रत(prodosh brata) का अपना महत्व होता हैं, जो कि भगवान शिव (Lord Shiva) की पूजा आराधना को समर्पित होता हैं। इस दिन भक्त भगवान भोलेनाथ की विधि विधान से पूजा करते हैं और दिनभर का उपवास (Fasting) भी रखते हैं।

धार्मिक पंचांग के अनुसार सावन अधिकमास के शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि 30 जुलाई को सुबह 10 बजकर 34 मिनट पर आरंभ हो रही हैं। इस तिथि का समापन सोमवार 31 जुलाई  को सुबह 7 बजकर 26 मिनट पर हो जाएगा। 

रवि प्रदोष व्रत के(Ravi Pradosh fast) दिन सुबह जल्दी उठकर सूर्यदेव को जल में तिल, गुड़, पुष्प मिलाकर अर्पित करें। मान्यता  है कि ऐसा करने से मान साम्मान में बढ़ोत्तरी और व्यापार फलता फूलता हैं। प्रदोष व्रत की संध्या में दूध में केसर मिलाकर शिवलिंग का अभिषेक करें। माना जाता हैं कि इस उपाय को करने से वंश वृद्धि और सुखी वैवाहिक जीवन की प्राप्ति होती हैं।