Rahul Gandhi: 'मोहब्बत की दुकान' से क्यों परेशान भाजपा?

राहुल गांधी इन दिनों विदेशों में 'मोहब्बत की दुकान' लगा रहे हैं। इन कार्यक्रमों में वे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को 'भगवान से भी ज्यादा जानकार' होने और देश की संस्थाओं पर सरकार का कब्जा होने जैसे आरोप लगा रहे हैं।

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स्टाफ रिपोर्टर, एएनएम न्यूज: राहुल गांधी इन दिनों विदेशों में 'मोहब्बत की दुकान' लगा रहे हैं। इन कार्यक्रमों में वे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को 'भगवान से भी ज्यादा जानकार' होने और देश की संस्थाओं पर सरकार का कब्जा होने जैसे आरोप लगा रहे हैं। भाजपा उनके इन बयानों पर हमलावर है और उन पर देश की छवि खराब करने का आरोप लगा रही है। उसके दर्जनों बड़े नेता और केंद्रीय मंत्री राहुल के मामले पर बयानबाजी कर चुके हैं।

मोहब्बत की दुकान (Mohabbat Ki Dukan) का नारा 'भारत जोड़ो यात्रा' के दौरान सबसे पहले सुनाई पड़ा था। माना गया था कि इसके जरिए कांग्रेस उसी अल्पसंख्यक मुसलमान समुदाय को साधने की रणनीति बना रही थी, जो कभी उसका सबसे बड़ा समर्थक वोटर वर्ग हुआ करता था। क्षेत्रीय दलों के उभार के बाद यह वर्ग अलग-अलग दलों में बंट गया, लेकिन दुबारा खड़ी होने की पुरजोर कोशिश में जुटी कांग्रेस अब पूरी शिद्दत के साथ इस वोट बैंक को दुबारा अपने साथ लाने का प्रयास कर रही है।  

'भारत जोड़ो यात्रा' के दौरान मुसलमान मतदाताओं को आकर्षित करने के लिए चला गया यह दांव कांग्रेस के लिए काफी कारगर भी साबित हुआ। कर्नाटक में पार्टी को जबरदस्त जीत मिली और इस जीत के पीछे मुसलमान समुदाय के द्वारा उसे किया गया समर्थन बड़ा कारण बना। कांग्रेस अब इसी दांव को लोकसभा चुनाव में भी आजमाना चाहती है। संभवतः यही कारण है कि विपक्षी एकता के सुनाई दे रहे स्वरों के बीच राहुल गांधी एक बार फिर मोहब्बत की दुकान लगाने निकल पड़े हैं।