सहमति से संबंध बनाने की उम्र 16 साल हो, हाईकोर्ट ने किया आग्रह
ग्वालियर बैंच (Gwalior Bench) का कहना है कि मौजूदा दौर में इंटरनेट (Internet) के चलते किशोर जल्दी विकसित और समझदार हो रहे हैं। ऐसे में उनके द्वारा उठाए गए कदम कई बार उनका भविष्य अंधकार में कर देते हैं।
एएनएम न्यूज़, ब्यूरो: हाईकोर्ट (High Court) की ग्वालियर बैंच कोर्ट ने केंद्र सरकार से अनुरोध किया है कि लड़का लड़की के बीच आपसी सहमति से बनाए गए संबंधों की उम्र को 18 से 16 साल करने पर विचार किया जाए। इसके पीछे तर्क देते हुए कहा गया है कि आज के दौर में बच्चे जल्दी जवान हो रहे हैं। ग्वालियर बैंच (Gwalior Bench) का कहना है कि मौजूदा दौर में इंटरनेट (Internet) के चलते किशोर जल्दी विकसित और समझदार हो रहे हैं। ऐसे में उनके द्वारा उठाए गए कदम कई बार उनका भविष्य अंधकार में कर देते हैं। कई किशोर (teenagers) और नवयुवक पीड़ित लड़की जिसकी उम्र 18 से साल से कम होती है उससे संबंध बना लेते हैं। इसके बाद उनके खिलाफ पुलिस पॉक्सो एक्ट एवं बलात्कार (rape) जैसे अपराध दर्ज करती है। विपरीत सेक्स के आकर्षण के चलते बनाए गए संबंधों में लड़कों को दोषी मान लिया जाता है, जबकि वे नासमझी में यह कृत्य करते हैं। इस कारण कई किशोर अन्याय से पीड़ित हो जाते हैं।
Madhya Pradesh High Court asks the Union Of India to consider lowering the consent age to 16 years (from 18 years) for the purpose of Section 375 IPC (Rape).
MP HC: 2013 Amendment which raised the age of consent from 16 to 18 in rape cases has 'disturbed the fabric of society' pic.twitter.com/xmg98ag9kp