उत्तराखंड के गौरीकुंड में भूस्खलन से मची तबाही

ज्यादातर पीड़ित नेपाल (Nepal) के रहने वाले थे। उखीमठ के उप-विभागीय मजिस्ट्रेट जितेंद्र वर्मा ने कहा, कि खराब मौसम और मंदाकिनी के जल स्तर में वृद्धि के कारण बचाव अभियान मुश्किल हो गया है।  

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Kalyani Mandal
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स्टाफ रिपोर्टर, एएनएम न्यूज़: उत्तराखंड (Uttarakhand) के गौरीकुंड (Gaurikund)में शुक्रवार को हुए भूस्खलन (Landslide) के बाद मची तबाही। हादसे में 20 लोग लापता हो गए, जिनमें से अब तक किसी का भी पता नहीं चल पाया है।  उन 20 लापता लोगों को ढूंढने के लिए बचाव दल रविवार से लगातार मेहनत कर रहे हैं, साथ ही लापता लोगों की तलाश में मंदाकिनी नदी के आसपास के इलाकों में भी सर्च ऑपरेशन जारी है। भूस्खलन गुरुवार और शुक्रवार की मध्यरात्रि करीब 12 बजे हुआ, जिससे बरसाती नाले के करीब और मंदाकिनी नदी से करीब 50 मीटर ऊपर स्थित तीन दुकानें बह गईं।

जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी नंदन सिंह रजवार ने बताया कि राष्ट्रीय आपदा मोचन बल, राज्य आपदा मोचन बल, यात्रा प्रबंधन बल, पुलिस और अग्निशमन विभाग के कर्मियों ने रविवार को धारी देवी से कुंड बैराज तक ड्रोन की मदद से लापता लोगों की तलाश की, लेकिन लापता लोगों का पता नहीं चल सका। शुक्रवार को दुकानों के मलबे से तीन शव बरामद हुए, लेकिन बाकियों का पता नहीं चल सका।

सूत्रों के मुताबिक बताया जा रहा है , ज्यादातर पीड़ित नेपाल (Nepal) के रहने वाले थे। उखीमठ के उप-विभागीय मजिस्ट्रेट जितेंद्र वर्मा ने कहा, कि खराब मौसम और मंदाकिनी के जल स्तर में वृद्धि के कारण बचाव अभियान मुश्किल हो गया है। उन्होंने यह भी कहा कि लगातार खराब मौसम के कारण और अधिक भूस्खलन का खतरा है।