LOAN: नहीं चूका पा रहे लोन? हो जाए शांत! जाने अपने ये पांच अधिकार

बैंक आपके साथ बदसलूकी नहीं कर सकता क्‍योंकि लोन डिफॉल्‍ट होना सिविल मामला है, आपराधिक केस नहीं. यहां जानिए अपने अधिकार।

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Kanak Shaw
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स्टाफ रिपोर्टर, एएनएम न्यूज़: अपनी जरूरतों को पूरा करने के लिए लोग लोन लेते हैं, लेकिन कई बार कुछ परिस्थितियां ऐसी होती हैं कि इंसान के लिए लोन चुकाना बड़ा कठिन हो जाता है. ऐसे में लोन लेने वाले को गिरवी रखे गए एसेट को गवांना पड़ता है क्‍योंकि बैंक को इस परिस्थिति में गिरवी रखी प्रॉपर्टी को कानूनन जब्त करने का हक है. हालांकि इस स्थिति में कई बार ऋण लेने वाले को ये डर लगा रहता है कि कहीं रिकवरी एजेंट्स उनके साथ बदसलूकी न कर दें, जिससे कि उनकी छवि समाज में धूमिल हो जाए.

अगर आपके सामने भी ऐसी परिस्थिति आ गई है, तो आपको अपने कुछ मानवीय अधिकारों के बारे में पता होना बहुत जरूरी है. ध्‍यान रखिए बैंक अगर आपको डिफॉल्‍टर (defaulter) घोषित कर दे, तो भी बैंक आपके साथ बदसलूकी नहीं कर सकता क्‍योंकि लोन डिफॉल्‍ट होना सिविल मामला है, आपराधिक केस नहीं. यहां जानिए अपने अधिकार.

 60 दिन पहले नोटिस देना 

अगर आप बैंक में 90 दिनों तक Loan Defaulter रहते हैं यानी कि loan emi date कि 90 दिनों के बाद भी आपने अगर लोन की ईएमआई नहीं भरते हैं तो आपको Loan Defaulter माना जाता है।

अगर आपका एक सुरक्षित लोन है, यानी लोन की राशि की अवज में आपने बैंक में किसी भी चीज को गिरवी रखी है, तो बैंक को उस चीज को देखकर लोन रिकवरी करने से 60 दिन पहले नोटिस देना होता है, 

और अगर आप इन 60 दिनों में किसी भी प्रकार का निर्णय नहीं लेते हैं या Loan Recovery नहीं करते हैं तो फिर बैंक आपको 30 दिन की नोटिस देगा उसके बाद ही आपकी संपत्ति की नीलामी की जाएगी।

आपकी संपत्ति का सही मोल करना 

अगर आपको लगता है कि बैंक के द्वारा संपत्ति की नीलामी में आपकी संपत्ति का सही मूल्य नहीं लगाया जाता जैसे कि अगर आपके पास कोई घर है और बैंक उस घर की नीलामी करता है, 

और बैंक को उससे 10 लाख रुपया मिल रहे हैं पर आपको लगता है कि उस घर की नीलामी में आपको 20 लाख रुपए मिलेंगे तो आपका अधिकार है कि उस व्यक्ति को घर बेचे जो कि उसका सही मूल्य प्रदान कर रहा है।

बैंक आपको किसी भी प्रकार से  मजबूर  नहीं कर सकती है अपनी संपत्ति का सही मूल्य लगाने से।

नीलामी में बची हुई राशि का वापस पाना 



जैसे कि हमने ऊपर के उदाहरण में देखा कि अगर आपके संपत्ति का मूल्य 20 लाख रुपए है और आपने बैंक से 10 लाख रुपए लोन लिए हैं, 

तो आपका अधिकार है कि बैंक आपकी बची हुई राशि को वापस करें अगर बैंक ऐसा नहीं करती है तो आप बैंक के ऊपर कानूनी कार्यवाही कर सकते हैं।

अपने मानव अधिकारों का बचाव करना

अगर आप किसी कारणवश बैंक के Loan EMI को नहीं चुका पाते हैं तो बैंक का यह अधिकार नहीं है कि बैंक Loan Recovery Agent के तहत या और किसी व्यक्ति की मदद से आप के मानव अधिकारों का हनन करें।

जैसे कि आपके घर पर आकर आपको परेशान करें, आप से अभद्रता करें, आपके परिवार को परेशान करें।

अगर कोई व्यक्ति आपसे ऐसा करता है तो आप अपने मानव अधिकार को बचाने के लिए बैंक तथा उस व्यक्ति के ऊपर कानूनी कार्यवाही कर सकते हैं।

अपनी निजता की सुरक्षा



आपका पूरा अधिकार है कि आप अपनी निजता की सुरक्षा करें अगर आप बैंक के Loan EMI नहीं चुका पाते हैं तो बैंक का यह अधिकार नहीं है कि बैंक किसी भी व्यक्ति के साथ आपकी Loan EMI ना चुकाने की जानकारी को साझा करें।

अगर लोन रिकवरी एजेंट और बैंक ऐसा करती है तो आप बैंक के ऊपर कानूनी कार्रवाई कर सकते हैं।

इसके अलावा आप बैंक तथा बैंक कर्मचारियों से लोन रिकवरी से जुड़ी समस्याओं से मिलने के लिए आप अपना खुद का समय तथा स्थान का चुनाव कर सकते हैं।

अगर आप किसी कारणवश लोन की EMI कुछ दिनों के लिए नहीं चुका पा रहे हैं तो आप बैंक को एक E-mail या फिर बैंक में जाकर एक application जमा कर सकते हैं 

और अपने लोन emi चुकाने का कारण बताकर उनसे कुछ दिनों का समय ले सकते हैं और बैंक आपको यह समय जरूर मुहैया कराएगी क्योंकि बैंकों को यह निर्देश दिया गया है 

कि अगर कोई ग्राहक अपनी आर्थिक समस्याओं के कारण लोन रकम को नहीं चुका पा रहे हैं तो उन्हें कुछ दिनों का समय दिया जाए।