Live In Relationship पर लागू धर्मांतरण विरोधी कानून!

दरअसल, न्यायमूर्ति रेणु अग्रवाल की पीठ ने अपने आदेश में स्पष्ट करते हुए कहा कि नियमों के अनुसार, धर्म परिवर्तन का रजिस्ट्रेशन न केवल मैरिज के उद्देश्य के लिए बल्कि विवाह की प्रकृति में संबंधों के लिए भी जरूरी है।

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Sneha Singh
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स्टाफ रिपोर्टर, एएनएम न्यूज़: यूपी में इलाहाबाद हाई कोर्ट ने एक याचिका पर सुनवाई की है। इसमें उन्होंने कहा कि, धर्म परिवर्तन कानून विवाह के साथ-साथ लिव-इन रिलेशनशिप पर भी लागू होता है। दरअसल, न्यायमूर्ति रेणु अग्रवाल की पीठ ने अपने आदेश में स्पष्ट करते हुए कहा कि नियमों के अनुसार, धर्म परिवर्तन का रजिस्ट्रेशन न केवल मैरिज के उद्देश्य के लिए बल्कि विवाह की प्रकृति में संबंधों के लिए भी जरूरी है।