/anm-hindi/media/media_files/mC1xvp3ncynysL1NvinG.jpg)
एएनएम न्यूज, ब्यूरो: कृष्ण जन्माष्टमी (Krishna Janmashtami) या जन्माष्टमी भगवान विष्णु के अवतार कृष्ण के जन्मदिन के रूप में मनाई जाती है। कृष्ण के जन्मदिन को कृष्णाष्टमी, गोकुलाष्टमी (Gokulashtami), अष्टमी रोहिणी और श्री कृष्ण जयंती भी कहा जाता है। हिंदू कैलेंडर के अनुसार, जब आठवें दिन रोहिणी नक्षत्र प्रबल होता है तब जन्माष्टमी मनाई जाती है। सौर भाद्र मास के कृष्ण पक्ष का दिन ग्रेगोरियन कैलेंडर (Gregorian calendar) के अनुसार, यह त्यौहार हर साल मध्य अगस्त से मध्य सितंबर के बीच मनाया जाता है। मथुरा-बृंदावन सहित विभिन्न राज्यों में जन्माष्टमी मनाई जाती है। रास लीला (Raas Leela) में कृष्ण की बचपन की गतिविधियों को दिखाया जाता है, जबकि दही हांडी अनुष्ठान कृष्ण के शरारती स्वभाव को दर्शाता है। बच्चों का समूह ऊंचाई पर बंधी मक्खन की छड़ी को तोड़ने का प्रयास करता है। यह परंपरा तमिलनाडु (Tamil Nadu) में उरियाडी के नाम से मनाई जाती है। कृष्ण के जन्म के अवसर पर नंद द्वारा सभी को उपहार बांटने की कहानी का जश्न मनाने के लिए कृष्ण जन्माष्टमी के बाद कई स्थानों पर नंदोत्सव मनाया जाता है।
/anm-hindi/media/agency_attachments/7OqLqVqZ67VW1Ewake8O.png)