/anm-hindi/media/media_files/LPlz3YWpWP4KuJZa7xON.jpg)
स्टाफ रिपोर्टर, एएनएम न्यूज़: क्या आप जानते हैं कि इस होली या डोल त्योहार की शुरुआत कैसे हुई? जब कोई होली या रंगों के त्योहार के बारे में सोचता है तो भगवान राधाकृष्ण का ख्याल आता है। हमने राधाकृष्ण को वृन्दावन में होली खेलते हुए सुना है। लेकिन शायद हममें से कई लोग असली घटना के बारे में नहीं जानते। तो चलिए पहले जान लेते हैं।
/anm-hindi/media/post_attachments/e431195025811017f729feece0a8849d785ea9beddbcc734eabb26a741aa99b4.jpg)
पौराणिक कथा के अनुसार श्री कृष्ण हमेशा अपने सावले रंग को लेकर अपनी माता से सवाल पूछा करते थे। एक दिन यशोमति मां ने उन्हें सुझाव दिया कि वे राधा के चेहरे पर रंग लगा देंगे तो राधा का रंग भी कान्हा जैसा हो जाएगा। इस सुझाव को सुनकर भगवान कृष्ण ने राधा रंग लगाने की तैयारी शुरू कर दी।
/anm-hindi/media/post_attachments/ff6851e8d48fe1e3fc278cc6a5546860283a034ddf20370fb3469bfb95e2537d.jpg)
श्री कृष्ण को यशोदा मैया का यह सुझाव बहुत पसंद आया और उन्होंने मित्र ग्वालों के संग मिलकर कुछ अनोखे रंग तैयार किए जिस रंग में वह राधा रानी को रंगना चाहते थे और ब्रज में राधा रानी को रंग लगाने पहुंच गए। श्री कृष्ण ने दोस्तों के साथ मिलकर राधा और उनकी सखियों को जमकर रंग लगाया।
/anm-hindi/media/post_attachments/b9b8ea5b2dfc5d8fb9478b36530bb769671d8446eed20c5481395e8bde9876fc.jpg)
ब्रज वासियों को उनकी यह शरारत बहुत पसंद आई और माना जाता है कि तब से रंग वाली होली का चलन शुरू हो गया। जिसे आज भी उसी उत्साह के साथ मनाया जाता है।
/anm-hindi/media/post_attachments/86883758806b1cca2ec19ad09f77423a585ba3375997b1ef3f81a880d655acc4.jpg?im=FitAndFill=(540,360))
/anm-hindi/media/agency_attachments/7OqLqVqZ67VW1Ewake8O.png)