अन्य श्रृंगार तो दूर, सिंदूर तक नहीं लगातीं यहाँ की महिलाएं

इस गांव में महिलाएं न तो श्रृंगार करती हैं और न ही खाट पर सोती हैं। यही नहीं, महिलाएं लकड़ी की बनी हुई कोई भी चीज टेबल और कुर्सी पर नहीं बैठती हैं। वहीं, गांव की विवाहित महिलाएं अपनी मांग में सिंदूर तक नहीं भरती हैं।

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Sneha Singh
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स्टाफ रिपोर्टर, एएनएम न्यूज़: कुछ परंपरा ऐसी होती है जिस पर आज के दौर में यकीन करना बहुत मुश्किल है। जैसा कि छत्तीसगढ़ का एक गांव। धमतरी जिला मुख्यालय से 90 किलोमीटर दूर नगरी ईलाके में संदबाहरा गांव है। इस गांव में महिलाएं न तो श्रृंगार करती हैं और न ही खाट पर सोती हैं। यही नहीं, महिलाएं लकड़ी की बनी हुई कोई भी चीज टेबल और कुर्सी पर नहीं बैठती हैं। वहीं, गांव की विवाहित महिलाएं अपनी मांग में सिंदूर तक नहीं भरती हैं। ग्रामीणों की मान्यता है कि अगर महिलाएं ऐसा करेंगी, तो उसे कोई न कोई गंभीर बीमारी जरूर हो जाएगी।