Ajab Gajab : एक ऐसा गांव जहां किसी को कुछ याद ही नहीं रहता
ये एक्सपेरिमेंटल गांव बोर्डो यूनिवर्सिटी के रिसर्चर्स की निगरानी में रहता है, जिसे वे 6 महीने बाद देखने आते हैं और लोगों की प्रोग्रेस जांचते हैं। यहां कुल 120 लोग रहते हैं और उतने ही मेडिकल प्रोफेशनल्स भी।
स्टाफ रिपोर्टर, एएनएम न्यूज़ : आजकल लोगों के पास इतना काम होता है कि उन्हें अपने दिमाग में न जाने कितनी चीज़ें एक साथ रखनी पड़ती हैं। हालांकि भूलने की इस आदत या बीमारी से इंसान की ज़िंदगी काफी प्रभावित होती है। सोचिए, अगर कोई जगह हो, जो खासतौर पर भूलने की बीमारी से परेशान लोगों के लिए ही बनी हो, तो कितना दिलचस्प होगा। आज हम आपको एक ऐसे ही गांव के बारे में बताएंगे, जहां रहने वाले लोगों को कुछ भी याद नहीं रहता। न वे रास्ते याद कर सकते हैं न ही दुकान पर पैसे देकर कुछ खरीद सकते हैं। ऐसे में यहां उन्हें सब कुछ फ्री में ही दिया जाता है। ये गांव यूरोपियन देश फ्रांस में है और दूसरी जगहों से काफी अलग है। सुनकर आपको अजीब लग सकता है लेकिन लैंडेस नाम के इस गांव का हर नागरिक भूलने की बीमारी यानि डिमेंशिया से पीड़ित है। यहां सबसे बूढ़े नागरिक की उम्र 102 साल है, जबकि सबसे युवा शख्स 40 साल का है। इस गांव को खासतौर पर डिमेंशिया से जूझ रहे लोगों के लिए ही बनाया गया है, जो छोटी-बड़ी बातें भूल जाते हैं। ये एक्सपेरिमेंटल गांव बोर्डो यूनिवर्सिटी के रिसर्चर्स की निगरानी में रहता है, जिसे वे 6 महीने बाद देखने आते हैं और लोगों की प्रोग्रेस जांचते हैं। यहां कुल 120 लोग रहते हैं और उतने ही मेडिकल प्रोफेशनल्स भी।