मशहूर शास्त्रीय गायक संगीत के बादशाह उस्ताद राशिद अली खान की निधन से बदायूं में शोक

दुख की खबर यह है कि राशिद अली खान का देहांत हो गया और उनका अंतिम संस्कार 10 जनवरी को कोलकाता में होगा। इनके निधन की खबर सुनकर पूरी फिल्म इंडस्ट्रीज में दुख की लहर दौड़ गई।

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Sneha Singh
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एएनएम न्यूज़, ब्यूरो: संगीत के फैन के लिए दुख की खबर। जाने माने संगीत के बादशाह उस्ताद राशिद अली खान का जन्म बदायूं में हुआ था इन्होंने बहुत से बंगाली गाने गाये जिनमें कुछ बहुत से पॉपुलर बॉलीवुड गाने "तोरे बिना मोहे चैन नहीं", आओगे जब तुम को काफी पसंद किया जाता है। हिंदी फिल्मों में कादंबरी,शादी में जरूर आना, आदि में अपनी आवाज का जादू चलाया है। दुख की खबर यह है कि राशिद अली खान का देहांत हो गया और उनका अंतिम संस्कार 10 जनवरी को कोलकाता में होगा। इनके निधन की खबर सुनकर पूरी फिल्म इंडस्ट्रीज में दुख की लहर दौड़ गई। वह लगभग एक माह से बीमार चल रहे थे इनका इलाज कोलकाता के एक निजी अस्पताल में चल रहा था। इसके पहले भी मुंबई के टाटा कैंसर अस्पताल में वे इलाज करवा चुके थे और यह एक भयंकर बीमारी प्रोटेस्ट कैंसर से पीड़ित थे। आयु लगभग 56 वर्ष की थी उन्होंने हिंदी फिल्म जब वी मेट और माइ नेम इज खान जैसी फिल्मों में भी गाने गाए।  

जब वी मेट फिल्म में गाया गया उनका गाना "आओगे जब तुम" बॉलीवुड के सदाबहार गीतों में शामिल किया जाता है। उनके पिता का नाम हामिद रजा और माता का नाम शाकरी बेगम था बदायूं में भी इनके रिश्तेदार रहते हैं। इनकी बहन समन रजा ने उनके निधन की जानकारी दी। इनका जन्म 1 जुलाई 1968 को हुआ था। इन्होंने अनेकों राष्ट्रीय पुरस्कार प्राप्त किये जिसमें पदम श्री  2006 में एवं पद्म भूषण 2022 में प्राप्त किया था मुख्य रूप से रामपुर सहसवान के घराने से ताल्लुक रखते थे भारत सरकार द्वारा मिलने वाले पुरस्कार प्राप्त करने में पूर्व में आपके ही खानदान के उस्ताद मुस्ताक हुसैन का पदम भूषण, उस्ताद निसार हुसैन खान, पदम भूषण उस्ताद हाफिज अहमद, पदम श्री, उस्ताद गुलाम मुस्तफा, पदम, पदम, पद्म, उस्ताद गुलाम सादिक खान पदम श्री आदि लोग पुरस्कार प्राप्त कर चुके हैं।