स्टाफ रिपोर्टर, एएनएम न्यूज़: संगीतकार सचिन देव बर्मन के घर मेरा आना जाना उन दिनों खूब होता था। कम लोगों को ही पता है कि मैंने तमाम मशहूर गायकों को अपना आदर्श मानकर गाना सीखा है। मेरा सपना था कि एस डी बर्मन के संगीतबद्ध किसी गाने में मौका मिले। ये सपना जल्द ही पूरा भी हुआ। एक दिन दादा ने कि वह मेरी आवाज में एक गाना रिकॉर्ड करने जा रहे हैं। मैंने उनके पैर छुए और चलने लगा। तो दादा ने कि ये गाना तुम्हें लता मंगेशकर के साथ गाना है। यूं लगा कि किसी ने पैरों के नीचे से जमीन खींच ली हो। मैं खुद को हवा में तैरता महसूस तो कर ही रहा था लेकिन पूरे बदन से एक साथ पसीना भी छूट गया। तब मैं बड़ी मुश्किल से नाम भी दोहरा पाया था, ‘लता मंगेशकर!’