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स्टाफ रिपोर्टर, एएनएम न्यूज़:
गहनता से होती है सुरक्षाकर्मियों की जांच
परेड में शामिल होने वाले प्रत्येक जवान को चार स्तर की सुरक्षा जांच से गुजरना पड़ता है। उनके हथियारों की भी कई चरणों में गहन जांच होती है। जांच का मुख्य उद्देश्य ये सुनिश्चित करना होता है कि किसी जवान के हथियार में कोई जिंदा कारतूस न हो। इससे बहुत बड़ी अनहोनी हो सकती है।
5 किमी की रफ्तार से चलती है झांकियां
परेड में शामिल सभी झांकियां 5 किमी प्रति घंटा की नीयत रफ्तार से चलती हैं, ताकि उनके बीच उचित दूरी बनी रहे और लोग आसानी से उन्हें देख सकें। इन झांकियों के चालक एक छोटी से खिड़की से ही आगे का रास्ता देखते हैं, क्योंकि सामने का लगभग पूरा शीशा सजावट से ढका रहता है।
फ्लाई पास्ट
राजपथ पर मार्च पास्ट खत्म होने का बाद परेड का सबसे रोचक हिस्सा शुरू होता है, जिसे ‘फ्लाई पास्ट' कहते हैं। इसकी जिम्मेदारी वायु सेना की पश्चिमी कमान के पास होती है। ‘फ्लाई पास्ट' में 41 फाइटर प्लेन और हेलिकॉप्टर शामिल होते हैं, जो वायुसेना के अलग-अलग केंद्रों से उड़ान भरते हैं। इनका तालमेल इतना सटीक होता है कि ये तय समय और क्रम में ही राजपथ पर पहुंचते हैं। आकाश में इनकी कलाबाजी और रंग-बिरेंगे धुएं से बनाई गई आकृतियां लोगों का मन मोह लेती हैं।
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