स्टाफ रिपोर्टर, एएनएम न्यूज़: गिलगित-बाल्टिस्तान संवैधानिक रूप से पाकिस्तान का हिस्सा नहीं हैं। सूत्रों के मुताबिक हाल ही में हुई राष्ट्रपति डॉ आरिफ अल्वी की अध्यक्षता में हुई एक बैठक में गिलगित-बाल्टिस्तान और आजाद जम्मू-कश्मीर में इंटरनेट सेवा में सुधार के तरीकों और साधनों पर चर्चा की गई। बैठक में गिलगित-बाल्टिस्तान के मुख्यमंत्री खालिद खुर्शीद ने यूनिवर्सल सर्विस फंड से कहा कि क्षेत्र में इंटरनेट कनेक्टिविटी में सुधार लाने और दूरदराज के इलाकों में सुविधा उपलब्ध कराने के लिए युएसएफ के डोमेन को जल्द से जल्द गिलगित-बाल्टिस्तान तक बढ़ाया जाना चाहिए। युएसएफ का कहना है कि दो क्षेत्र संवैधानिक रूप से पाकिस्तान का हिस्सा नहीं हैं, इसलिए सेलुलर कंपनियां यहां खर्च करने पर आपत्ति कर सकती हैं। इस लिए गिलगित-बाल्टिस्तान में पाकिस्तान सरकार को करारा झटका मिला।