स्टाफ रिपोर्टर, एएनएम न्यूज़ : वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गनाइजेशन के मुताबिक, बच्चों में मोटापा तेजी से बढ़ रहा है। दुनिया में 5 वर्ष से कम उम्र के 3.8 करोड़ बच्चे मोटे हैं। अमेरिका जैसे हाई-इंकम देशों में पहले ये समस्या केवल होती थी, वहीं अब ये मिडल और लो-इंकम देशों तक भी पहुंच गई है। वैज्ञानिकों का कहना है कि चाइल्ड ओबेसिटी जल्द ही महामारी में तब्दील हो सकती है। बच्चों में टाइप-2 डायबिटीज के केसेस पहले से ही बढ़ रहे हैं। मोटापा का मुख्या कारण लॉकडाउन के समय बच्चे फिजिकल एक्टिविटी से दूर रहे। इसके अलावा, उनका ज्यादातर समय फोन या कम्प्यूटर के सामने गुजरा। हालांकि, मोटापे की समस्या बच्चों में पहले से बनी हुई है। इसका श्रेय बढ़ती हुई टैक्नोलॉजी, नींद में परिवर्तन और हाई- कॉलेस्टरौल वाले जंक फूड को जाता है।