स्टाफ रिपोर्टर, एएनएम न्यूज़: हमेसा नाम से नहीं, कभी कभी अच्छे काम से भी जाने जाते है व्यक्ति। बिना किसी सरकारी सहायता के अलावा भी आपने प्रण को पूरा करने वाला, जीताजगता मिसाल है यूपी के आजमगढ़ जिले के शकील अहमद। बात है कि यूपी में आजमगढ़ जिले के एक छोटे से गांव तोवा के निवासी शकील अहमद आपने अथक मेहनत और लोगों के सहयोग से उन्होंने अपने आसपास के क्षेत्र में अब तक 6 पुल बनवा चुके हैं।
दरहसल बात है कि साल 1982 में गांव की एक घटना ने शकील अहमद को झकझोर दिया था। घटना ये है कि पुल नहीं होने की वजह से नदी पार करने के लिए एक बच्चा नाव की सवारी कर रहा था और उसी दौरान नाव के डूब जाने की वजह से बच्चे की मौत हो गई थी। बच्चे की मौत हो जाने से शकील अहमद ने यह प्रण किया कि वह नदी पर पुल बनाकर रहेंगे। शुरुआती दौर में उन्होंने पुल के निर्माण के लिए स्थानीय प्रशासनिक अधिकारी, सांसद, विधायक के पास चक्कर लगाए लेकिन कोई काम नहीं बना, तब उन्होंने खुद ही पुल बनवाने का बीड़ा उठा लिया। शकील ने लोगों को इस मुहिम से जुड़ने की अपील करने लगे और चंदा मांगने लगे। चंदा मांगने पर लोग उनपर आरोप लगाते थे कि वो लोगों से पैसे लेकर अपना काम निकालता है। लेकिन ये सब बाते शकील के चट्टान से भी मजबूत इरादों को तोड़ नहीं पाए और वह आखिरकार पहला पुल खड़ा करा दिया। देखते ही देखते पुल को 1982 में तैयार कर आवागमन भी जारी करा दिया। शकील अहमद की इस कड़ी मेहनत को देखकर लोग भी प्रेरित होकर उनसे जुड़ते गए। अभी तक 6 पुल में से चार पुल चालू भी कर दिए गए हैं। आज के समय में आजमगढ़ में वो अपने असली नाम नहीं, बल्कि पुल बनवाने वाले के नाम से ज्यादा जाने जाते हैं।