टोनी आलम, एएनएम न्यूज़: पुलिस के कड़े पहरे में मां लक्ष्मी की प्रतिमा मंदिर पहुंचीं। 100 साल पुरानी कीमती अष्टधातु की मूर्ति को देखने के लिए लोग अभी भी जमुड़िया आते हैं। सौ साल से भी अधिक समय से प्राचीन परंपरा का पालन करते हुए मां लक्ष्मी की पूजा की जाती रही है। जमुरिया नंदी गांव के बनर्जी परिवार की इस पूजा को देखने के लिए काफी संख्या में लोग जुटते हैं। केवल लक्ष्मी पूजन के दिन ही माता लक्ष्मी की अष्टधातु की मूर्ति को एक घंटे के लिए पुलिस के कड़े पहरे में मंदिर लाया जाता है। प्रतिमा को पुलिस की निगरानी में ही बनर्जी परिवार के सदस्यों को सौंप दिया जाता है। दशकों तक बनर्जी परिवार के सदस्यों प्रतिमा को पुरे साल कहां रखता है यह बात गुप्त रखा है।
परिवार के एक सदस्य के अनुसार पूर्व में लक्ष्पीपूजा बहुत धूमधाम से होती थी पूरे गांव के लोगो को खिचड़ी खिलाई जाती थी। लेकिन वर्तमान समय में परिवार के कई सदस्यों के विदेश में रहने के कारण पूजा के भव्य आयोजन में थोड़ी कमी जरुर आई है । उन्होंने यह भी कहा कि मां के आगमन के बाद से परिवार में खुशहाली आई है। भले आयोजन में कमी आई है तो भी मां की पूजा की हर विधि का पूरा पालन हो रहा है। परिवार के एक सदस्य ने कहा कि उनकी एक पुर्वज ने सपने में मां की अष्टधातु की प्रतिमा के दर्शन किए थे। तभी से मां लक्ष्मी की पूजा होती आ रही है। इस पूजा को सौ साल से ज्यादा हो गया है। उन्होंने कहा कि अष्टधातु की इस प्रतिमा में कई कीमती धातुओं का मिश्रण है इसी वजह से सुरक्षा के लिहाज से इस मुर्ति को गोपनीय स्थान पर रखा जाता है। उन्होंने कहा कि पूजा का कलेवर भले पहले की तरह ना रहा हो लेकिन अभी भी सारे अनुष्ठानों का पालन किया जाता है।