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टोनी आलम, एएनएम न्यूज़: कहतें हैं मानों तो देवता ना मानों तो पत्थर। इंसान की आस्था ही इंसान को मिट्टी में भी देवता के दर्शन कराती है। आज हम आपको हमारे शिल्पांचल में एक ऐसे ही दुर्गापूजा के बारे में बताएंगे जिसे जानकर आप हैरान रह जाएंगे। जमुड़िया विधानसभा क्षेत्र के दो नंबर ब्लाक अन्तर्गत हिजलगोड़ा गांव का मंडल परिवार पिछले 50 सालों से दीमक के एक ढेर को मां दुर्गा का रुप मानकर पूजा करता आ रहा। इसके पास मिट्टि का एक और ढेर है जिसे यहां के लोग शिवलिंग मानकर पूजते हैं। हमने जब मंडल परिवार के एक सदस्य से बात की तो उन्होंने कहा कि आज से तकरीबन 50 साल पहले उनके एक पूर्वज के सपनें में आकर मां दूर्गा ने दीमक के ढेर को ही उनका स्वरुप मानकर पूजा करने का आदेश दिया था। तबसे चली आ रही परंपरा आज भी जारी है। मंडल परिवार के इस सदस्य का कहना है कि उस वक्त यहां कोई बड़ा मंदिर नहीं था। आज यहां एक मंदिर बनाया गया है। उन्होंने कहा कि अष्टमी से लेकर दशमी तक इस पूजा का आयोजन किया जाता है। उन्होंने बताया कि उनके परिवार के कई सदस्य विदेशों में भी रहते हैं। वह हर साल पूजा में नहीं आ पाते लेकिन उनकी तरफ से हर साल पूजा में मदद मिलती है। इनका कहना था कि यह दीमक का ढेर पहले काफी उंचा था लेकिन समय के साथ साथ इसकी उंचाई कम होती गई। लेकिन आज भी लोगों की आस्था इसमें बनीं हुई है। सिर्फ हिजलगोड़ा ही नहीं दुर दराज से लोग आते हैं और इस बेहद अनोखे पूजा का आनंद उठाते हैं।