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स्टाफ रिपोर्टर, एएनएम न्यूज़: बुधवार को स्वास्थ्य मंत्रालय ने साफ किया है कि ज्यादातर बच्चे असिम्टोमैपिट होते हैं और कभी-कभार ही उन्हें अस्पताल में भर्ती करने की जरुरत पड़ती है। कोरोना की दूसरी लहर पहली की अपेक्षा ज्यादा घातक साबित हुई है। इस लहर के दौरान कोरोना पॉजिटिव बच्चों की संख्या भी अधिक देखी गई। इस वायरस का बच्चों पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ने से जुड़े कई सवाल मीडिया में उठाए गए हैं। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की तरफ से कहा गया है कि कोरोना की लहर बच्चों को ज्यादा प्रभावित नहीं करती है। जिन बच्चों को कोरोना होता है वो ज्यादातर असिमटोमैटिक होते हैं यानी उनमें इस संक्रमण के लक्षण बेहद ही कम होते हैं। मंत्रालय की तरफ से दी गई जानकारी के मुताबिक संक्रमित होने वाले बहुत ही कम बच्चों को कभी-कभी अस्पताल में एडमिट करने की जरुरत पड़ती है।
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