जेडीए की लिपिकीय त्रुटी से उलझ गई है नायला पत्रकार योजना
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स्टाफ रिपोर्टर, एएनएम न्यूज: नायला पत्रकार नगर के 571 आवंटी जेडीए की लापरवाही से परेशान हैं। पत्रकारों का आरोप है कि यूडीएच के अधिकारियों को 10 साल से उच्च न्यायालय का साफ-सुथरा निर्णय भी समझ नहीं आ रहा है। इसलिए जेडीए ने एक बार फिर तथ्यात्मक रिपोर्ट सरकार को भेजकर मार्गदर्शन मांगा है।
पिंकसिटी प्रेस एनक्लेव, नायला पत्रकार नगर की आवंटन प्रक्रिया के दौरान राज्य सरकार के 20 अक्टूबर 2013, 4 जनवरी 2011 और 28 फरवरी 2013 के आदेशों के मुताबिक योजना के ब्रोशर में छपी पात्रताओं के अनुसार 571 पत्रकारों का उच्च स्तरीय संवैधानिक कमेटी ने चयन किया था। इस कमेटी में बतौर अध्यक्ष तत्कालीन यूडीएच सचिव जीएस संधू और बतौर सचिव तत्कालीन डीपीआर डायरेक्टर लोकनाथ सोनी, बतौर सदस्य डीपीआर सचिव राजीव स्वरूप और अनेक वरिष्ठ पत्रकारों ने 571 पत्रकारों की आवंटन की योग्यताएं जांची थी।
इसके बाद जेडीए ने लॉटरी कर सभी को प्लॉट भी आवंटित कर दिए थे। 2017 में हाई कोर्ट के इकोलॉजिकल जोन संबंधी निर्णय की पालना में नायला पत्रकार नगर की योजना को ही इकोलॉजिकल घोषित कर दिया गया था। लेकिन पत्रकारों की पड़ताल में खुलासा होने के बाद इसे लिपिकीय त्रुटि करार देकर योजना से हटाया जा चुका है।