एएनएम न्यूज़, ब्यूरो: अरावली पर्वत शृंखला की गोद में बसा हुआ अर्बुदा अंचल पर्वत पर स्थित पर्यटन नगरी माउंट आबू से 11किलोमीटर दूर अचलगढ़ महादेव का मंदिर है। यहां पर भगवान के पैर के अंगूठे की पूजा की जाती है। इस मंदिर से जुड़ी कई कहानियां प्रचलित हैं। इतिहासकारों की मानें तो यहीं पर भगवान शंकर के अंगूठे की पूजा होती है। गर्भगृह में शिवलिंग पाताल खंड के रूप में दृष्टिगोचर होता है, जिसके ऊपर एक तरफ पैर के अंगूठे का निशान उभरा हुआ है, जिन्हें स्वयंभू शिवलिंग के रूप में पूजा जाता है। माना जताा है कि यह देवादिदेव महादेव के दाहिने पैर का अंगूठा है। पहाड़ी के तल पर 15वीं शताब्दी में बने अचलेश्वर मंदिर में भगवान शिव के पैरों के निशान आज भी मौजूद हैं। मेवाड़ के राजा राणा कुंभ ने अचलगढ़ किला एक पहाड़ी के ऊपर बनवाया था। किले के पास ही अचलेश्वर मंदिर है, जहां भगवान के अंगूठे के नीचे एक प्राकृतिक गढ्ढा बना हुआ है।