कुम्भ राशि में शनि-सूर्य की युति, 12 राशियों को करेगी प्रभावित

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कुम्भ राशि में शनि-सूर्य की युति, 12 राशियों को करेगी प्रभावित

स्टाफ रिपोर्टर, एएनएम न्यूज: आज से एक महीने के लिए शनि और सूर्य दोनों ही कुंभ राशि में आज गए हैं। सूर्य देव हर महीने राशि परिवर्तन करते है और उनका राशि परिवर्तन 12 राशियों को प्रभावित करता है। शनि की मूल त्रिकोण राशि में सूर्य का गोचर सभी 12 राशियों को प्रभावित करेगा। आइये समझते है कि आपकी राशि पर इसका क्या प्रभाव होगा। ​



मेष राशि- इस राशि के जातकों के लिए सूर्य पंचम स्थान के स्वामी होते हैं। इस राशि के जातकों के लिए सूर्य का गोचर आपके लिए एकादश भाव से होगा। इस भाव से जातक की आय और मित्रों से लाभ का विचार किया जाता है। इस समय आपको संतान पक्ष से कोई अच्छी खबर मिल सकती है। इस समय कार्यस्थल पर आपको ना सिर्फ तारीफ़ मिलने वाली है बल्कि आपका प्रमोशन भी हो सकता है। इस समय आपके मित्रों के माध्यम से आपको अच्छा फायदा होता हुआ दिखाई दे रहा है।



वृष राशि- इस राशि के जातकों के लिए सूर्य चौथे स्थान के स्वामी होते हैं। सूर्य का गोचर इस राशि के जातकों के लिए दशम भाव से होगा। इस भाव से जातक के कर्म स्थल और उसकी लीडरशिप का ज्ञान किया जाता है। सूर्य के इस गोचर से आपको कार्य स्थल पर मान सम्मान प्राप्त होगा। इस समय सरकारी सेवा में लगे हुए जातकों को सम्मानित भी किया जा सकता है। व्यापारी वर्ग को इस समय बेहद अच्छा मुनाफा होने की उम्मीद है। नई नौकरी की तलाश पूरी हो सकती है।



मिथुन राशि- इस राशि के जातकों के लिए सूर्य तीसरे भाव के स्वामी होते हैं। सूर्य का गोचर इस राशि के जातकों के लिए नवम भाव से होगा। इस भाव से जातक के भाग्य स्थान का विचार किया जाता है। इस समय धर्म कर्म से जुड़े जातकों का समय अच्छा रहने वाला है। इस समय आपकी यात्राओं के योग बने हुए है। आपकी मानसिक सेहत इस समय बेहद बढ़िया रहने वाली है और सरकार से जुड़े जातकों को कोई बड़ी जिम्मेदारी मिल सकती है।



कर्क राशि- इस राशि के जातकों के लिए सूर्य दूसरे भाव के स्वामी होते हैं। सूर्य का गोचर अब इस राशि के जातकों के लिए अष्टम भाव से होगा। इस भाव से आकस्मिक घटनाओं का विचार किया जाता है। सूर्य का यह गोचर आपके लिए स्वास्थ्य के लिहाज से ठीक नहीं कहा जा सकता है। इस समय अपने पिता के साथ मतभेद बढ़ सकते है। इस समय आपको किसी नए निवेश से बचने की सलाह दी जाती है।



सिंह राशि- इस राशि के जातकों के लिए सूर्य लग्न के स्वामी होते हैं। सूर्य का गोचर इस राशि के जातकों के लिए सप्तम भाव से होगा। इस भाव से जातक के वैवाहिक जीवन का ज्ञान किया जाता है। सूर्य का यह गोचर आपके दांपत्य जीवन में कुछ तनाव बढ़ा सकता है। इस समय आपको अपनी पत्नी की भावनाओं को समझकर चलना होगा वरना तनाव अत्यधिक बढ़ सकता है। इस समय आपको कोई भी नया काम शुरू नहीं करना चाहिए और अगर आप साझेदारी में काम करते है तो आपको सभी चीजों का हिसाब किताब रखकर के चलना होगा।



कन्या राशि- इस राशि के जातकों के लिए सूर्य बारहवें भाव के स्वामी होते हैं। इस समय सूर्य का गोचर आपके छठे स्थान से होगा। इस स्थान से जातक के रोग, ऋण और शत्रु का विचार किया जाता है। इस भाव में विराजमान सूर्य की दृष्टि अब आपके बारहवें भाव पर ही होगी। सूर्य के इस गोचर से नौकरी कर रहे जातकों का प्रमोशन होगा। इस समय उच्च अधिकारी आपके ऊपर मेहरबान रहने वाले है।



तुला राशि- इस राशि के जातकों के लिए सूर्य एकादश भाव के स्वामी होते हैं। सूर्य का गोचर इस राशि के जातकों के लिए पंचम स्थान से होगा। इस भाव से जातक की शिक्षा, बुद्धि और संतान का विचार किया जाता है। इस भाव में विराजमान सूर्य की दृष्टि अब आपके लाभ स्थान पर ही होगी। इस समय आप किसी नए काम की शुरुआत कर सकते है।



वृश्चिक राशि- इस राशि के जातकों के लिए सूर्य दशम भाव के स्वामी होते हैं। सूर्य का गोचर इस राशि के जातकों के चौथे भाव से होगा। इस भाव से जातक के भौतिक सुख का विचार किया जाता है। इस भाव में विराजमान सूर्य की दृष्टि अब आपके दशम भाव पर ही होगी। इस समय आपको अपने परिवार को समय देना होगा। परिवार में कलह और लड़ाई की संभावना दिखाई दे रही है। इस समय आप अपनी मां को लेकर थोड़ा परेशान हो सकते है।



धनु राशि- इस राशि के जातकों के लिए सूर्य भाग्य स्थान के स्वामी होते हैं। सूर्य का गोचर आपकी राशि के लिए तीसरे भाव से होगा। इस भाव से जातक के साहस, पराक्रम और भाई बहनों का विचार किया जाता है। इस भाव में विराजमान सूर्य की दृष्टि अब आपके भाग्य स्थान पर होगी। इस समय आपको अपने भाग्य का पूरा साथ मिलता हुआ दिखाई दे रहा है। आपके पिता के सहयोग से आपका कोई नया काम शुरू होता हुआ दिखाई दे रहा है।



मकर राशि- इस राशि के जातकों के लिए सूर्य अष्टम भाव के स्वामी होते हैं। सूर्य का गोचर इस राशि के जातकों के लिए दूसरे भाव से होगा। इस भाव से जातक की वाणी और संचित धन का विचार किया जाता है। इस भाव में विराजमान सूर्य की दृष्टि अब आपके अष्टम भाव पर ही होगी। इस समय आपकी वाणी पर आपको कंट्रोल करना होगा वरना परिवार में कलह बढ़ सकती है। इस समय कोई भी निवेश सोच समझकर करना ही उचित रहने वाला है।



कुंभ राशि- इस राशि के जातकों के लिए सूर्य सप्तम भाव के स्वामी होते हैं। सूर्य का गोचर इस राशि के जातकों के लिए अब लग्न से ही होने वाला है। इस भाव से जातक के व्यक्तित्व का विचार किया जाता है। इस समय आपको हड्डियों से जुडी कोई समस्या हो सकती है। उस दौरान आपको अपने वैवाहिक जीवन की ओर भी ध्यान देना होगा। इस समय पत्नी के साथ मनमुटाव से बचना होगा। साझेदारी में बढ़िया कमाई दिखाई दे रही है।



मीन राशि- इस राशि के जातकों के लिए सूर्य छठे भाव के स्वामी होते हैं। सूर्य का गोचर इस राशि के जातकों के लिए बारहवें भाव से होगा। इस भाव से विदेश यात्रा और जातक के व्यय का विचार किया जाता है। इस भाव में विराजमान सूर्य की दृष्टि अब आपके छठे भाव पर ही होगी। इस समय आपको अपने खर्चो पर नियंत्रण करना होगा वरना आपको आर्थिक दिक्क्त का सामना करना पड़ सकता है।