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टोनी आलम, एएनएम न्यूज: आज हमारी टीम ने रानीगंज के आसपास के कुछ क्षेत्रों का दौरा किया और धसान को लेकर जमीनी हकीकत को जानने की कोशिश की। हमारे संवाददाता रानीगंज के निकट बल्लभपुर फांड़ि अन्तर्गत बाउल हिल गांव में पहुंचे और वहां पर जमीनी हकीकत का जायजा लिया। साथ ही वहां के कुछ निवासियों से भी बात की। हमारे कैमरे में जो तस्वीरें कैद हुई वह किसी को भी चिंता में डालने के लिए काफी थी। देखा गया कि, इस क्षेत्र के कई स्थानों से जमीन के नीचे से धुआं निकल रहा है। दरअसल यहां पर जमीन के नीचे आग लगी हुई है, जिस वजह से यह धुंआ निकल रहा है।
जब हमने स्थानीय निवासियों से बात की तो उनका कहना है कि, जमीन से यह धुंआ बीते कई वर्षों से निकल रहा है। लेकिन ईसीएल का इस तरफ कोई ध्यान नहीं है। इनका कहना है कि, ईसीएल कोयला तो निकाल लेती है लेकिन उसके बाद वैज्ञानिक तरीके से भराई करने के काम में ढिलाई बरती जाती है, जिस वजह से जमीन के नीचे आग लगी रहती है और यह धुआं निकलता है। उन्होंने कहा कि ममता बनर्जी ने जोशीमठ की तरह रानीगंज में भी भु धसान की जो आशंका जताई है वह निराधार नहीं है यह गांव उस बात का सबूत है। स्थिति इतनी भयानक हो चुकी है कि, कभी भी यहां पर समूचा गांव जमींदोज हो सकता है। ग्रामीणों ने बताया कि, यहां पर कई परिवार बसते हैं और स्थिति अगर ऐसे ही बनी रहे तो इन परिवारों पर कभी भी आफत के बादल टूट सकते हैं। इनका आरोप है कि यहां पर अवैध खनन भी धड़ल्ले से किया जाता है। लेकिन इन सब चीजों को रोकने की तरफ प्रशासन का कोई ध्यान नहीं है जिसका खामियाजा यहां के निवासियों को भुगतना पड़ रहा है। गांव वालों ने एक जगह दिखाई जहां पर 40 फुट चौड़ा धसान हो गया है। प्रशासन की तरफ से वहां पर सदैव निगरानी रखी जा रही है, ताकि कोई जानवर या इंसान उस गड्ढे में समा न जाए। स्थानीय लोगों का कहना है की यह सिर्फ एक जगह की बात नहीं है इस तरह के हादसे गांव में कहीं भी हो सकते हैं। इनका कहना है कि इससे पहले 2017 और 2022 में भी इस तरह की घटनाएं घट चुकी हैं और वह लोग हमेशा इसी आतंक में रहते हैं कि कब पूरा का पूरा गांव जमीन के नीचे समा जाए। इन गांव वालों का कहना है कि जिस तरह से ईसीएल की लापरवाही के कारण वैज्ञानिक तरीके के बिना ही कोयला निकाला जा रहा है और कोयला निकालने के बाद भराई नहीं की जा रही है उस वजह से समस्या दिन-ब-दिन बढ़ती जा रही है। वहीं कोयले के अवैध उत्खनन को भी इस पूरे घटनाक्रम के लिए गांव वालों ने जिम्मेदार ठहराया ईसीएल और प्रशासन से इनकी एक ही मांग है कि, जल्द से जल्द जमीन के नीचे धड़क रही आग पर काबू पाया जा सके ताकि इन्हें हमेशा इसमें ना जीना पड़े की पूरा का पूरा गांव कभी भी जमींदोज हो सकता है।
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