ईसीएल ने अपना वादा पूरा नहीं किया तो ग्रामीणों ने पुन: खदानों का परिवहन रोक कर विरोध जताया

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ईसीएल ने अपना वादा पूरा नहीं किया तो ग्रामीणों ने पुन: खदानों का परिवहन रोक कर विरोध जताया

टोनी आलम, एएनएम न्यूज: ईसीएल ने अपना वादा पूरा नहीं किया तो ग्रामीणों ने पुन: खदानों का परिवहन रोक कर विरोध जताया। घटना पांडवेश्वर के नवग्राम पंचायत के कुमारडीही इलाके में हुई। करीब डेढ़ साल से जमीन के बदले नौकरी और मुआवजा तथा सही तरीके से जमीन अधिग्रहण की मांग पर ईसीएल के बांकोला एरिया में कुमारडीही एबीपीट कोलियरी के सिएम प्रोजेक्ट और जोआलडांगा ओसीपी के परिवहन को ठप कर कुमारडिही और जोआलडांगा गांव के लगभग 90 भूस्वामी आंदोलन रत हैं। ईसीएल के अधिकारी और ग्रामीणों के बीच बार-बार बैठक हुई लेकिन कोई नतीजा नहीं निकला। पिछले साल नवंबर में विरोध के बाद ईसीएल के अधिकारियों और ग्रामीणों के बीच एक बैठक हुई थी। बैठक में पांडवेश्वर पुलिस स्टेशन के ओसी और पांडवेश्वर ब्लॉक के ब्लॉक सामूहिक विकास अधिकारी ने भाग लिया।

इस त्रिपक्षीय चर्चा में ईसीएल के अधिकारियों ने ग्रामीणों को आश्वासन दिया कि दो महीने के भीतर समस्या का समाधान कर दिया जाएग। जिसके लिए इस साल 8 जनवरी तक की समय सीमा निर्धारित की गई थी। ग्रामीणों की शिकायत है ईएसएल द्वारा दी गई समय सीमा बीत चुकी है, लेकिन समस्या का समाधान नहीं हुआ है और समस्या जस की तस बनी हुई है। इसलिए सोमवार सुबह से ही एबीपी कोलियरी के सीएम प्रोजेक्ट के गेट के सामने ईसीएल के परिवहन को रोक कर ग्रामीण विरोध में शामिल हो गए

विरोध के कारण ईएसआईएल का कोयला परिवहन बंद हो गया। हालांकि संबंधित कोलियरी के एजेंट मौके पर आ गए, लेकिन आज समस्या का समाधान नहीं हुआ। प्रदर्शनकारी अबीर लाल मुखर्जी, सनत मुखर्जी, अभिषेक रॉय चौधरी रॉय आदि ने कहा कि ईसीएल ने अपनी बात नहीं रखी है।

वादा किया गया था कि इस साल 8 जनवरी तक समस्या का समाधान किया जाएगा। लेकिन आज भी समस्या का समाधान नहीं हुआ है, इसलिए ग्रामीण धरना-प्रदर्शन करने को विवश हैं। ग्रामीणों के साथ-साथ प्रदर्शनकारियों ने जमीन के सही तरीके से तत्काल अधिग्रहण, उचित मुआवजे और जमीन के बदले में नौकरी की मांग की, उन्होंने चेतावनी दी कि जमीन दाता आने वाले दिनों में पूरे बनकोला क्षेत्र में सभी कोलियरियों को बंद कर देंगे। आखिरी खबर मिलते तक सुबह आठ बजे से दोपहर तीन बजे तक समस्या जस की तस बनी हुई थी।