क्या हैं माघ मास में स्नान के नियम, जानें क्या करें और क्या न करें?

author-image
New Update
क्या हैं माघ मास में स्नान के नियम, जानें क्या करें और क्या न करें?

स्टाफ रिपोर्टर, एएनएम न्यूज: आज 07 जनवरी से माघ माह की शुरूआत हुई है। यह 07 जनवरी से लेकर 05 फरवरी तक है। माघ माह में प्रयागराज का प्रसिद्ध माघ मेला भी 06 जनवरी से लग गया है, जो महाशिवरात्रि तक रहेगा। माघ माह में स्नान, दान, पूजा पाठ का विशेष महत्व है। ​



स्नान के नियम- माघ माह में व्यक्ति को गंगा या संगम का स्नान जरूर करना चाहिए। इस माह में आपको प्रत्येक दिन स्नान करना चाहिए। स्नान के पानी में आप काला तिल मिलाकर कर स्नान करें। इस पूरे माह में आप एक समय ही भोजन करें। कोशिश करें कि सात्विक भोजन हो। माघ माह में लोग शीतल जल से स्नान करना शुरू करते हैं। जो लोग घर पर ही स्नान करना चाहते हैं, वे लोग पानी में गंगाजल मिलाकर स्नान करें। उसमें भी आप काला तिल मिलाकर स्नान करें।



क्या करें और क्या न करें-

1. माघ माह में इंद्रदेव ने गंगा स्नान करके ही गौतम ऋषि के श्राप से मुक्ति पाई थी। इस वजह से माघ माह में गंगा स्नान करने से पाप मिट जाते हैं और पुण्य की प्राप्ति होती है।

2. पूरे माघ माह में भगवान विष्णु और भगवान श्रीकृष्ण का पूजन करें। विष्णु सहस्रनाम और मधुराष्टक का पाठ करें। भगवान की भक्ति को प्राप्त करने के लिए कल्पवास करें।

3. माघ मास में व्यक्ति को ब्रह्मचर्य के नियमों का पालन करना चाहिए।

4. माघ मास के सभी दिनों में आप तुलसी की पूजा करें और गीता का पाठ करें। आपको ईश्वर की कृपा प्राप्त होगी।

5. माघ में आप शनि दोषों से मुक्ति के लिए काले तिल का दान करें और राहु दोष से मुक्ति के लिए गर्म कपड़े या कंबल का दान करें।