स्टाफ रिपोर्टर, एएनएम न्यूज: इस समय हिंदू कैलेंडर का 10वां माह पौष चल रहा है। पौष माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को मासिक कालाष्टमी व्रत है। इस दिन व्रत रखते हैं और भगवान शिव के अंश काल भैरव की पूजा करते हैं। काल भैरव रुद्रावतार हैं। उनका स्वरुप भयंकर, उग्र और डरावना है। उनको देखकर स्वयं काल भी भयभीत हो जाता है। इसलिए ही ये महाकाल हैं। आइये जानते है मासिक कालाष्टमी की ति​थि और पूजा मुहूर्त के बारे में। ​
तिथि-
पौष माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि का प्रारंभ 16 दिसंबर को 01 बजकर 39 एएम पर हो रहा है और इस तिथि का समापन अगले दिन 17 दिसंबर को तड़के 03 बजकी 02 मिनट पर होगा।
पूजा मुहूर्त-
16 दिसंबर को कालाष्टमी व्रत की पूजा का शुभ मुहूर्त रात 11 बजकर 50 मिनट से देर रात 12 बजकर 44 मिनट तक है। काल भैरव की पूजा निशिता मुहूर्त में करते हैं। तंत्र-मंत्र की सिद्धि के लिए य​​ह मुहूर्त उपयुक्त होता है। वैसे कालाष्टमी की पूजा आप दिन में भी कर सकते हैं। इस दिन आप किसी काल भैरव मंदिर में जाकर पूजा अर्चना और दर्शन करें। इस दिन अभिजित मुहूर्त सुबह 11 बजकर 56 मिनट से दोपहर 12 बजकर 37 मिनट तक है।